ओडिशा के कटक में दुर्गा विसर्जन के दौरान भड़की हिंसा, 25 लोग घायल: कई इलाकों में कर्फ्यू जारी, VHP ने ओडिशा बंद का किया ऐलान

ओडिशा के कटक में रविवार को दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान दो गुटों में हुई झड़पों के बाद शहर में तनाव फैल गया। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए रविवार रात 10 बजे से 13 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। साथ ही, शाम 7 बजे से इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। सीएमसी, सीडीए और बयालिश मौजा इलाकों में विशेष प्रतिबंध लगाए गए हैं। विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने प्रशासन पर शांतिपूर्ण विसर्जन में विफल रहने का आरोप लगाते हुए सोमवार को सुबह से शाम तक 12 घंटे का बंद बुलाया है। हिंसा में 25 लोग घायल हुए हैं और अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

 

सोशल मीडिया के दुरुपयोग की आशंका में इंटरनेट बंद:

अधिसूचना में कहा गया है कि इंटरनेट सेवाएं को बंद करने का निर्णय जिला प्रशासन द्वारा इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के संभावित दुरुपयोग को लेकर जताई गई चिंताओं के बाद लिया गया है। प्रशासन को आशंका है कि झूठे और भड़काऊ संदेश फैलाकर सांप्रदायिक तनाव बढ़ाया जा सकता है, जिससे सार्वजनिक व्यवस्था भंग होने की संभावना है। इसलिए इंटरनेट सेवाएं को 36 घंटे के लिए निलंबित किया गया है ताकि अफवाहें और भड़काऊ संदेश न फैलें।

Violence erupts during Durga immersion in Cuttack Odisha injuring 25

कटक के 13 थाना क्षेत्रों में धारा 144:

कटक पुलिस कमिश्नर एस. देव दत्ता सिंह ने बताया कि शहर के 13 थाना क्षेत्रों में धारा 144 और अन्य निषेधाज्ञाएं लागू की गई हैं। इनमें दरगाह बाजार, मंगलाबाग, कैंटोनमेंट, पुरीघाट, लालबाग, बिदानसी, मरकट नगर, सीडीए फेज-2, मालगोदाम, बादामबाड़ी, जगतपुर, बयालीस मौजा और सदर थाना क्षेत्र शामिल हैं।

राज्य गृह विभाग ने आदेश में कहा कि यह कदम “उत्तेजक और भड़काऊ संदेशों” के प्रसार को रोकने और शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है।

 

कटक में कर्फ्यू के बीच सख्त सुरक्षा व्यवस्था:

हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस लगातार सड़कों पर गश्त कर रही है। पुलिस आयुक्त एस. देवदत्त सिंह ने चेतावनी दी कि अप्रिय स्थिति पैदा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मेडिकल और आवश्यक सेवाओं को कर्फ्यू से छूट दी गई है, जबकि पेट्रोल पंप, अस्पताल, मेडिकल स्टोर और किराना दुकानों को खुला रखा गया है। स्थिति की समीक्षा के बाद कर्फ्यू की अवधि को घटाने या बढ़ाने का निर्णय लिया जाएगा। पुलिस ने लोगों से अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने और बसों की आवाजाही सीमित करने की अपील की है।

 

कटक में 10,000 से अधिक लोगों की रैली:

कटक के बजरकबाटी रोड पर एक विशाल रैली में 10,000 से ज़्यादा लोग शामिल हुए। विश्व हिंदू परिषद और भाजपा के नेतृत्व में निकाले गए इस विरोध प्रदर्शन में अल्पसंख्यक समुदाय को क्षेत्र से हटाने की मांग की गई। इस रैली का नेतृत्व भाजपा उम्मीदवार नयन मोहंती ने किया। प्रदर्शनकारियों ने भड़काऊ नारे लगाए और शहर के लिए केवल हिंदू पहचान की मांग की, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया है।

 

क्या है मामला ?

ओडिशा के कटक में दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान दो समुदायों के बीच झड़पें हुईं, जिसके बाद स्थिति हिंसक हो गई। आरोप है कि मुस्लिम भीड़ ने दुर्गा प्रतिमाओं पर पथराव किया। दरगाबाजार से देबीगारा नदी तट की ओर जा रही शोभायात्रा में हाती पोखरी इलाके में रात करीब 1:30 से 2 बजे के बीच हिंसा भड़की।

पुलिस के अनुसार विवाद तब शुरू हुआ जब कुछ स्थानीय लोगों ने जुलूस में बज रहे तेज आवाज वाले संगीत का विरोध किया। देखते ही देखते मामला बढ़ गया और छतों से पत्थर व बोतलें फेंकी जाने लगीं, जिससे कई लोग घायल हुए, जिनमें डीसीपी ऋषिकेश ज्ञानदेव भी शामिल हैं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। हिंसा में कई दुकानें और गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। करीब तीन घंटे तक विसर्जन रुका रहा और बाद में कड़ी सुरक्षा में सुबह 9:30 बजे तक सभी मूर्तियों का विसर्जन पूरा हुआ।

 

दंगाइयों ने लगाई आग, फायर ब्रिगेड पर भी हुआ पथराव:

असिस्टेंट फायर ऑफिसर संजीब कुमार बेहेरा ने बताया कि दंगाइयों ने गौरीशंकर पार्क के पास कई जगहों पर आगजनी की। फायर ब्रिगेड को 8–10 स्थानों पर आग लगने की सूचना मिली थी। आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन इस दौरान भीड़ ने दमकल कर्मियों पर भी पत्थरबाज़ी की।

शहर के संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। वरिष्ठ अधिकारी हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं ताकि स्थिति दोबारा न बिगड़े और शांति बनाए रखी जा सके।

 

कटक में स्थिति नियंत्रण में, DGP ने अफवाहों से सावधान रहने की दी सलाह:

पुलिस महानिदेशक (DGP) योगेश बहादुर खुरानिया ने कहा कि कटक में फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और पुलिस लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने आश्वस्त किया कि हिंसा में शामिल सभी असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

DGP ने नागरिकों से अपील की कि वे किसी भी अफवाह पर भरोसा न करें और स्थिति की सही जानकारी के लिए पुलिस की वेबसाइट, कमिश्नरेट की वेबसाइट और आधिकारिक ट्विटर हैंडल का ही सहारा लें।

 

विपक्ष ने बीजेपी सरकार पर साधा निशाना:

कटक हिंसा पर विपक्षी दलों ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री और BJD अध्यक्ष नवीन पटनायक ने कहा कि ओडिशा हमेशा से शांति और सौहार्द का प्रतीक रहा है। भाईचारे के शहर कटक में इस तरह की अप्रिय स्थिति बेहद चिंताजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार में पुलिस पर राजनीतिक दबाव के कारण राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती जा रही है और पुलिस हालात संभालने में नाकाम रही।

वहीं, शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे “बहुत दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए कहा कि जब-जब भाजपा सत्ता में आती है, समाज में ध्रुवीकरण को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि नवीन पटनायक के कार्यकाल में ओडिशा में कभी इस तरह की सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं नहीं हुईं।

 

मुख्यमंत्री ने शांति की अपील की:

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, जो गृह विभाग भी संभालते हैं, ने हिंसा की निंदा की और नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की. ​​उन्होंने कहा, “कटक एक हज़ार साल पुराना शहर है जो अपनी एकता और सद्भाव के लिए जाना जाता है. कुछ उपद्रवियों ने शांति भंग की है, लेकिन ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.”

मुख्यमंत्री ने अस्पतालों को झड़पों में घायल हुए लोगों को मुफ्त चिकित्सा उपचार उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया और आश्वासन दिया कि सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।

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