क्रोनिक वेनस इनसफीशिएंसी क्या है, जो ट्रम्प को परेशान कर रही है?

उम्र के साथ शरीर में कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियाँ सामने आने लगती हैं। इसी क्रम में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी अब एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुईं उनकी कुछ तस्वीरों में उनके पैरों में सूजन और नसों के निशान स्पष्ट दिखे, जिसके बाद इस पर चर्चा तेज हो गई। अब व्हाइट हाउस ने इस स्थिति को लेकर आधिकारिक बयान जारी करते हुए बताया है कि ट्रंप “क्रॉनिक वीनस इनसफिशियंसी” नामक नसों से जुड़ी बीमारी से पीड़ित हैं। यह बीमारी आमतौर पर बुज़ुर्गों में देखने को मिलती है और इससे पैरों में सूजन और भारीपन की समस्या होती है।

अब अमेरिका ने 1 अगस्त 2025 की डेडलाइन तय की है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि यदि इस तारीख तक समझौता नहीं हुआ, तो अमेरिका भारत पर अपने हिसाब से टैरिफ (शुल्क) लागू कर सकता है।

फिलहाल विवाद का बड़ा कारण डेयरी सेक्टर है। अमेरिका नॉन-वेज दूध भारत में बेचना चाहता है, लेकिन भारत सरकार ने साफ शब्दों में कह दिया है कि वह ऐसे किसी दूध या दूध उत्पाद का आयात नहीं करेगी जिसकी पवित्रता और शुद्धता पर संदेह हो। भारत में दूध न केवल खाद्य वस्तु है, बल्कि यह धार्मिक, सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व भी रखता है। पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान और सांस्कृतिक परंपराओं में दूध को पवित्र माना जाता है, इसलिए सरकार का कहना है कि वह इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगी।

भारत का डेयरी सेक्टर न केवल आर्थिक रूप से बड़ा है, बल्कि यह 8 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार भी देता है। ऐसे में भारत किसी भी ऐसे व्यापारिक समझौते के लिए तैयार नहीं है, जिससे घरेलू डेयरी उद्योग पर असर पड़े या सांस्कृतिक आस्थाएं आहत हों।

क्रॉनिक वीनस इनसफिशियंसी क्या होती है?

यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें पैरों की नसों में खून का बहाव ठीक से नहीं हो पाता, जिससे खून नीचे ही जमा हो जाता है और पैरों में सूजन, दर्द और त्वचा में बदलाव जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यह तब होता है जब नसों में मौजूद वाल्व (valves) कमजोर हो जाते हैं या काम करना बंद कर देते हैं।

 

इस बीमारी के प्रमुख लक्षण

  • पैरों और टखनों में लगातार सूजन रहना
  • चलने या खड़े होने पर भारीपन, दर्द या ऐंठन
  • त्वचा में खुजली, झुनझुनी और रंग में बदलाव
  • त्वचा का मोटा होना या भूरा पड़ जाना
  • नसों का उभर आना और मुड़ जाना
  • टखनों के आसपास घाव बन जाना जो जल्दी ठीक नहीं होते

 

कितनी गंभीर है यह स्थिति?

“CVI आपके जीवन की गुणवत्ता को काफी प्रभावित कर सकती है, लेकिन समय रहते पहचान और इलाज से बड़ा अंतर लाया जा सकता है।”

  • यह स्थिति आमतौर पर गंभीर नहीं होती, लेकिन अगर लापरवाही की जाए तो यह गहरी नसों में खून के थक्के (Deep Vein Thrombosis) या फेफड़ों में रक्त प्रवाह रुकने (Pulmonary Embolism) जैसी गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकती है।
  • ट्रंप के निजी चिकित्सक डॉ. बारबाबेला ने इसे “एक सामान्य और सौम्य बीमारी” बताया है, जो 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में आम है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ट्रंप में किसी भी जटिलता के लक्षण नहीं हैं।

CVI का इलाज क्या है?

इसका इलाज मरीज की स्थिति के अनुसार चरणबद्ध किया जाता है:

  1. कंप्रेशन थेरेपी (Compression Therapy): सबसे पहले मरीज कोकंप्रेशन स्टॉकिंग्स पहनने की सलाह दी जाती है। ये स्टॉकिंग्स नसों पर हल्का दबाव डालकर रक्त को ऊपर की ओर प्रवाहित करने में मदद करती हैं।
  2. जीवनशैली में बदलाव: वजन घटाना और नियमित व्यायाम नसों की स्थिति को बेहतर बना सकता है। विशेष रूप सेरजिस्टेंस एक्सरसाइज (जैसे पैर उठाना, स्ट्रेचिंग) से रक्त प्रवाह सुधरता है।
  3. अगर स्थिति बिगड़ जाए तो

यदि पैरों में दर्द, त्वचा कठोर हो जाना या घाव जैसी समस्याएं बनी रहें, तो ये इलाज दिए जाते हैं:

  • लेज़र ट्रीटमेंट या थर्मल थेरेपी: इससे कमजोर नसों को बंद कर दिया जाता है।
  • स्क्लेरोथेरेपी: नसों में एक केमिकल इंजेक्ट किया जाता है, जिससे वो सिकुड़कर बंद हो जाती हैं और खून स्वस्थ नसों से बहता है।

क्या अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए वार्षिक स्वास्थ्य रिपोर्ट जारी करना अनिवार्य है?

नहीं, संयुक्त राज्य अमेरिका के किसी भी कानून में यह अनिवार्य नहीं किया गया है कि राष्ट्रपति को अपनी वार्षिक स्वास्थ्य जांच की रिपोर्ट सार्वजनिक करनी ही होगी। अमेरिकी संविधान या किसी भी फेडरल स्टैच्यू (Federal Statute) में इस तरह की कोई बाध्यता नहीं है। यानी यह एक कानूनी बाध्यता (Legal Requirement) नहीं है।

 

लेकिन फिर क्यों जारी करते हैं राष्ट्रपति अपनी स्वास्थ्य रिपोर्ट?

हालांकि यह अनिवार्य नहीं है, फिर भी यह लंबे समय से चली आ रही परंपरा (Tradition) बन चुकी है कि अमेरिकी राष्ट्रपति अपनी वार्षिक शारीरिक जांच की रिपोर्ट सार्वजनिक करते हैं। यह परंपरा पारदर्शिता (Transparency) और जनता में विश्वास बनाए रखने के लिए अपनाई गई है।

 

कौन करता है राष्ट्रपति की जांच?

अमेरिकी राष्ट्रपति की शारीरिक जांच आमतौर पर व्हाइट हाउस मेडिकल यूनिट (White House Medical Unit) और  हॉस्पिटल के विशेषज्ञों द्वारा की जाती है। इसके अलावा राष्ट्रपति का निजी चिकित्सक रिपोर्ट जारी करता है।

 

ट्रंप की स्वास्थ्य रिपोर्ट में सामने आए अहम तथ्य

अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया स्वास्थ्य रिपोर्ट व्हाइट हाउस द्वारा साझा की गई है, जिसमें कई महत्वपूर्ण जांच परिणाम सामने आए। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप का हृदय सामान्य रूप से कार्य कर रहा है और उनके दिल की धड़कन में किसी रुकावट या अनियमितता के कोई संकेत नहीं मिले। उनके गुर्दे और अन्य आंतरिक अंग भी सामान्य स्थिति में पाए गए हैं। इसके अलावा, न तो उन्हें डीप वेन थ्रोम्बोसिस (गहरी नसों में खून का थक्का जमना) और न ही किसी धमनी रोग से जुड़ी समस्या पाई गई है।

 

निष्कर्ष:

क्रॉनिक वीनस इनसफिशियंसी कोई जानलेवा बीमारी नहीं है, लेकिन अगर इसे नजरअंदाज किया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकती है। डोनाल्ड ट्रंप की स्थिति फिलहाल सामान्य मानी गई है, लेकिन यह उदाहरण बताता है कि उम्र बढ़ने पर नसों की सेहत का ख्याल रखना कितना जरूरी है। समय रहते उपचार और जागरूकता ही इसका सबसे बड़ा समाधान है।