अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गर्भवती महिलाओं द्वारा एसिटामिनोफेन (टाइलेनॉल/पेरासिटामोल) के उपयोग को सीमित करने की सलाह दी है। उनका दावा है कि इसका सेवन बच्चों में ऑटिज़्म का खतरा बढ़ा सकता है। यह बयान स्वास्थ्य सचिव रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर के नेतृत्व में किए गए कई महीनों के अध्ययन के बाद आया।
पेरासिटामोल को अमेरिका में टाइलेनॉल के नाम से बेचा जाता है जबकि भारत में पैरासिटामोल सॉल्ट से कई नामों से यह दवा मिलती है।

हालांकि, इस दावे को अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय ने खारिज कर दिया है और अपनी स्टडी के आधार पर इसे वैज्ञानिक रूप से असत्य बताया है। ट्रंप का यह बयान वैश्विक स्तर पर विवाद का कारण बन गया है।
अमेरिका के स्वास्थ्य सचिव के नेतृत्व में हुई शोध:
अमेरिका के स्वास्थ्य सचिव रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर के नेतृत्व में कई महीनों तक शोध किया गया। इसके बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर महिलाएं गर्भावस्था में अधिक मात्रा में पेरासिटामोल का इस्तेमाल करती हैं, तो इससे बच्चों में ऑटिज़्म का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय ने उनके इस दावे का खंडन किया है और इसे वैज्ञानिक आधारहीन बताया है।
WHO ने क्या कहा-
तारिक जसारेविक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व WHO चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने एक रिसर्च की थी, जिसमें निष्कर्ष निकला कि पैरासिटामोल टैबलेट सुरक्षित दवाई है, लेकिन गर्भावस्था में इसका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह से ही करें. इसे लेते समय घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन प्रेग्नेंसी में कोई भी दवाई डॉक्टर की सलाह से ही लेनी चाहिए, खासकर पहले 3 महीनों में ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है.
वैसे भी कई दशकों की रिसर्च में सबूत मिले हैं कि पैरासिटामोल टैबलेट प्रेग्नेंसी में बुखार आने या बॉडी पेन से राहत दिलाने में मददगार है और इसे लेने से नुकसान नहीं होता।
फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन, अमेरिका ने भी ट्रम्प के दावे को नकारा-
FDA (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन, अमेरिका) ने अब तक कोई चेतावनी जारी नहीं की है कि पैरासिटामोल से ऑटिज़्म होता है। FDA ने स्पष्ट किया है कि अभी तक ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जो ट्रंप के दावे को पूरी तरह सही साबित करे।
EMA और ब्रिटेन का स्टैंड: पैरासिटामोल प्रेग्नेंसी में सुरक्षित-
European Medicines Agency (EMA) ने कहा है कि कोई नया सबूत नहीं मिला है जो वर्तमान सिफारिशों में बदलाव की मांग करे। EMA ने स्पष्ट किया कि पैरासिटामोल का उपयोग प्रेग्नेंसी में आवश्यक होने पर किया जा सकता है, लेकिन सबसे कम प्रभावी डोज़ और आवृत्ति में उपलब्ध सबूतों के अनुसार, पैरासिटामोल के प्रेग्नेंसी में उपयोग और ऑटिज़्म के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया।
ब्रिटेन के स्वास्थ्य नियामक ने भी इसकी सुरक्षित उपयोग की पुष्टि की है। इसी प्रेस ब्रीफिंग में, ट्रंप ने माता-पिता और गर्भवती महिलाओं से टाइलेनॉल से बचने और बच्चों को सामान्य वैक्सीन जल्दी या एक साथ न देने का सुझाव दिया।
पेरासिटामोल (टाइलेनॉल) क्या है?
टाइलेनॉल पैरासिटामोल का ब्रांड नाम है और यह एक ओवर-द-काउंटर दवा है जिसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। यह दर्द निवारक और बुखार कम करने वाली दवा के रूप में काम करती है। पैरासिटामोल का उपयोग आमतौर पर सिरदर्द, पीठ दर्द, गठिया के हल्के दर्द, दांत दर्द, मांसपेशियों में दर्द, मासिक धर्म से पहले और मासिक धर्म में ऐंठन जैसी स्थितियों में किया जाता है। इसके अलावा यह बुखार को अस्थायी रूप से कम करने के लिए भी प्रभावी है।
टाइलेनॉल: एक सामान्य ओवर-द-काउंटर पेन किलर-
टाइलेनॉल एक ओवर-द-काउंटर पेन किलर है, यानी इसे खरीदने के लिए डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन आवश्यक नहीं होता। इसका सक्रिय घटक अमेरिका में एसिटामिनोफेन और बाकी दुनिया में पैरासिटामोल के नाम से जाना जाता है। यह दवा दुनिया भर में अलग-अलग ब्रांड नामों से उपलब्ध है और दर्द निवारक से लेकर बुखार कम करने तक के इलाज के लिए घरों में आमतौर पर मौजूद रहती है।
टाइलेनॉल के उपयोग: टाइलेनॉल का इस्तेमाल कई प्रकार की बीमारियों और लक्षणों के इलाज के लिए किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:
- बुखार कम करना
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- दांत दर्द
- हल्का गठिया का दर्द
- मासिक धर्म में ऐंठन
- सामान्य सर्दी या फ्लू के कारण होने वाले दर्द और बेचैनी
क्या टाइलेनॉल ऑटिज़्म का कारण बन सकता है?
अप्रैल में, अमेरिकी स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग के प्रमुख रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर ने पाँच महीनों में ऑटिज़्म के कारण का पता लगाने के लिए व्यापक परीक्षण और अनुसंधान का संकल्प लिया। हालांकि, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि ऑटिज़्म एक जटिल सिंड्रोम है, जिस पर दशकों से शोध किया जा रहा है और इसके कारणों का पता लगाना आसान नहीं है।
शोधकर्ताओं का मानना है कि ऑटिज़्म का कोई एकल कारण नहीं है; यह आनुवांशिक और पर्यावरणीय कारकों का जटिल मिश्रण है। अगस्त में, हार्वर्ड विश्वविद्यालय के चान स्कूल ऑफ़ पब्लिक हेल्थ के डीन के नेतृत्व में किए गए शोध की समीक्षा में पाया गया कि गर्भावस्था के दौरान टाइलेनॉल के संपर्क में आने से बच्चों में ऑटिज़्म और अन्य न्यूरो संबंधी रोगों के विकसित होने की संभावना बढ़ सकती है।
ऑटिज़्म क्या है?
ऑटिज़्म या ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम विकार (ASD) एक न्यूरो-डेवलपमेंटल (तंत्रिका-विकासात्मक) विकार है, जो मस्तिष्क के विकास में अंतर के कारण होता है। यह लोगों के संवाद करने, सीखने, व्यवहार करने और दूसरों के साथ बातचीत करने के तरीके को प्रभावित करता है। इसे “स्पेक्ट्रम” विकार कहा जाता है, क्योंकि इसमें लक्षणों की एक विस्तृत श्रृंखला और गंभीरता के विभिन्न स्तर होते हैं।
ऑटिज़्म कोई बीमारी नहीं है, बल्कि एक ऐसी स्थिति है जिसके साथ लोग जन्म से ही रहते हैं और यह जीवन भर रहती है। इसका कोई पूर्ण इलाज नहीं है, लेकिन सही सहायता और थेरेपी के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं।
ऑटिज़्म के कुछ सामान्य लक्षण:
- सामाजिक संवाद में कठिनाई:
- आंखों का संपर्क बनाने से बचना।
- दूसरों की भावनाओं को समझने या अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में परेशानी होना।
- बातचीत शुरू करने या जारी रखने में मुश्किल होना।
दोहराव वाले व्यवहार और सीमित रुचियां:
- कुछ खास विषयों या वस्तुओं में अत्यधिक रुचि होना।
- हाथों का फड़फड़ाना, शरीर को हिलाना या वस्तुओं को घुमाने जैसी हरकतें बार-बार करना।
- किसी भी रूटीन में बदलाव होने पर परेशान हो जाना।
किस वजह से होता ऑटिज़्म
ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- समय से पहले बच्चे का जन्म
- जन्म के दौरान जटिलताएँ
- जन्म के समय बच्चे का कम वजन होना
- किसी भाई-बहन का ऑटिज़्म से पीड़ित होना
- कुछ क्रोमोसोमल या जेनेटिक कंडीशन होना
- बच्चे के जन्म के समय माता-पिता की उम्र 35 या उससे ज्यादा होना
- प्रेग्नेंसी के दौरान माता-पिता द्वारा वैलप्रोइक एसिड या थैलिडोमाइड का इस्तेमाल
ये कुछ प्रमुख कारण हैं जो ऑटिज़्म के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
ऑटिज़्म का इलाज क्या है
मौजूदा वक्त में ऑटिज़्म का कोई पूर्ण इलाज उपलब्ध नहीं है। हालांकि, कुछ दवाओं की मदद से डिप्रेशन, दौरे, अनिद्रा और ध्यान केंद्रित करने में परेशानी जैसे लक्षणों को कम किया जा सकता है। बच्चों के माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों को ट्रेनिंग दी जा सकती है, ताकि ऑटिस्टिक बच्चे का जीवन आसान बनाया जा सके।
पहले इसे केवल बच्चों की बीमारी माना जाता था, लेकिन पिछले कुछ सालों में स्पष्ट हुआ है कि यह स्थिति किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। कुछ लोगों में लक्षण कम उम्र में उभरते हैं, जबकि कई लोगों के लक्षण युवा होने के बाद सामने आते हैं।
दुनिया में ऑटिज़्म के आंकड़े:
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक, दुनिया में हर 100 में से एक बच्चा ऑटिज़्म का शिकार है। पूरी दुनिया में लगभग 7 करोड़ 50 लाख बच्चे इससे प्रभावित हैं। अमेरिका में यह स्थिति और भी गंभीर है, जहां हर 36 में से एक बच्चा ऑटिज़्म से प्रभावित पाया जाता है।
टाइलेनॉल (पैरासिटामोल) की सुरक्षित खुराक:
- एनएचएस (NHS) के अनुसार: 500 मिलीग्राम की गोलियां 24 घंटे में अधिकतम चार बार ली जा सकती हैं।
- सीमा: 24 घंटे में 8 गोलियों (500mg) से अधिक नहीं लेनी चाहिए।
- खतरा: इस सीमा से अधिक लेने पर लीवर को गंभीर नुकसान हो सकता है।
- यूएसएफ़डीए (USFDA) आंकड़े: 1998-2003 के बीच अमेरिका में पैरासिटामोल की अधिक खुराक लीवर फेल होने का प्रमुख कारण रही।
- ओवरडोज़ के मामले: इनमें से लगभग आधे मामले आकस्मिक थे, जहां लोगों ने अनजाने में ज्यादा खुराक ले ली।
निष्कर्ष:
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी (EMA) और ब्रिटेन के स्वास्थ्य नियामक ने स्पष्ट किया है कि पैरासिटामोल प्रेग्नेंसी में सुरक्षित है और इसका उपयोग आवश्यक होने पर किया जा सकता है। उन्होंने ट्रंप के दावे को खारिज करते हुए कहा कि वर्तमान वैज्ञानिक सबूत ऑटिज़्म से कोई संबंध नहीं दिखाते। इसलिए, डॉक्टर की सलाह और सही खुराक के साथ इसका उपयोग सुरक्षित माना जाता है।