ज़ोमैटो के संस्थापक दीपिंदर गोयल ने टेंपल डिवाइस लॉन्च का संकेत दिया: दावा- ब्रेन ब्लड फ्लो की रियल टाइम मॉनिटरिंग, जानिए टेंपल क्या है?..

ज़ोमैटो की मूल कंपनी इटरनल के संस्थापक और CEO दीपिंदर गोयल ने अपने नए इनोवेटिव डिवाइस टेंपल का टीज़र जारी कर हलचल मचा दी है। इंस्टाग्राम पर साझा किए गए इस टीज़र में उस छोटे से गोल्डन उपकरण की झलक दिखाई गई, जिसे हाल ही में उनकी दाहिनी कनपटी पर देखा गया था और जिसने सोशल मीडिया पर खूब जिज्ञासा पैदा की थी। गोयल ने इस डिवाइस को “वर्ल्ड-क्लास” बताया है और संकेत दिया है कि टेंपल जल्द ही आने वाला है।

zomato founder deepinder goyal hints at temple device launch

टेंपल क्या है?

टेंपल एक छोटा, गोल्डन रंग का प्रायोगिक उपकरण है जिसे ज़ोमैटो की मूल कंपनी इटरनल के सीईओ दीपिंदर गोयल बना रहे हैं। यह डिवाइस मस्तिष्क में होने वाले रक्त प्रवाह (Brain Blood Flow) को रियल-टाइम में, लगातार और बहुत सटीक तरीके से मापता है। साथ ही, यह डिवाइस उनकी दीर्घायु और बुढ़ापा-रोधी शोध में रुचि का पहला हार्डवेयर रूप भी माना जा रहा है।

टेंपल को लेकर गोयल ने क्या कहा?

दीपिंदर गोयल ने कहा कि वे टेंपल या अपनी परिकल्पना के बारे में कंपनी के सीईओ के तौर पर नहीं, बल्कि एक जिज्ञासु इंसान के रूप में बात कर रहे हैं। उन्होंने साफ किया कि टेंपल कभी भी इटरनल जैसी बड़ी कंपनी नहीं होगी, बस एक छोटी, प्यारी-सी कंपनी बन सकती है।

 

हाइपोथेसिस को डिवाइस प्रमोट करने का आरोप खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि गुरुत्वाकर्षण वाली परिकल्पना उन्होंने मार्केटिंग के लिए नहीं बनाई। उनका कहना है कि किसी भी तरह के मार्केटिंग हथकंडे से ग्राहकों का भरोसा खोना उनका तरीका नहीं है।

 

ग्रेविटी एजिंग हाइपोथीसिस पर काम कर रहे गोयल:

गोयल ने पिछली पोस्ट में बताया था कि टेंपल उनके अपने रिसर्च का हिस्सा है। वे एक नई परिकल्पना पर काम कर रहे हैं—ग्रेविटी एजिंग हाइपोथीसिस, जिसमें उनका कहना है कि गुरुत्वाकर्षण मस्तिष्क के रक्त प्रवाह को कम कर सकता है और शायद इंसानों की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को भी प्रभावित करता है। गोयल ने इसे “वैज्ञानिक, लेकिन थोड़ा अलग तरह का आइडिया” बताया और कहा कि वे इसे एक वैज्ञानिक जिज्ञासा के तौर पर एक्सप्लोर कर रहे हैं।

 

ग्रेविटी एजिंग हाइपोथेसिस क्या है?

गोयल की ग्रेविटी एजिंग हाइपोथेसिस एक अनोखा विचार है, जिसमें गुरुत्वाकर्षण सीधे तौर पर इंसानों की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। गोयल बताते हैं कि न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण को परिभाषित किया, आइंस्टीन ने समझाया कि यह स्पेस-टाइम को मोड़ता है, और उनका दावा है कि गुरुत्वाकर्षण इंसानी जीवनकाल को कम भी कर सकता है।

 

गुरुत्वाकर्षण का उम्र पर प्रभाव कैसे पड़ता है ?

गोयल के अनुसार गुरुत्वाकर्षण हमारे शरीर, खासकर मस्तिष्क, पर लगातार असर डालता है। दिन के लगभग दो-तिहाई समय तक गुरुत्वाकर्षण खून को सिर से नीचे की ओर खींचता है, जिससे मस्तिष्क में पहुंचने वाले रक्त की मात्रा कम हो जाती है। लंबे समय तक सीधा खड़े होकर रहने से मस्तिष्कीय रक्त प्रवाह (cerebral blood flow) लगभग 10% तक घट सकता है, और यह कमी धीरे-धीरे दिमाग के बेहद संवेदनशील हिस्सों हाइपोथैलेमस और ब्रेनस्टेम को प्रभावित करती है। इन हिस्सों में खून की सप्लाई के लिए अतिरिक्त रास्ते भी बहुत कम होते हैं। जब खून का दबाव इन क्षेत्रों तक जरूरी स्तर से नीचे चला जाता है, तो न्यूरॉन्स धीरे-धीरे मरने लगते हैं। इससे दिमाग के “कमांड सेंटर” कमजोर पड़ते हैं और वह पूरे शरीर में बुढ़ापा लाने वाली प्रक्रियाओं को शुरू कर देते हैं।

 

गुरुत्वाकर्षण के आलावा, उम्र बढ़ने पर कई चीजें भी असर डालती हैं जैसे; तनाव, प्रदूषण, खराब खाना, पानी की कमी और बहुत ज्यादा बैठना। ये सभी मस्तिष्क में खून के प्रवाह को कम कर सकते हैं, लेकिन इनका असर हर व्यक्ति में अलग-अलग होता है।

 

मस्तिष्कीय रक्त प्रवाह (CBF):

वैज्ञानिक आंकड़ों के मुताबिक, CBF हर साल 0.3% से 0.74% तक कम होता है। इस वजह से 20 से 80 साल की उम्र में मस्तिष्क में रक्त प्रवाह 20% से 40% तक घट जाता है। जैसे-जैसे यह कमी बढ़ती है, दिमाग गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव को संभालने में और कम सक्षम हो जाता है। कम CBF होने पर मृत्यु का जोखिम लगभग दोगुना हो सकता है। साथ ही जब दिमाग के ये नियंत्रण केंद्र कमजोर पड़ते हैं, तो उनसे जुड़े सिस्टम जैसे ऑटोनॉमिक सिस्टम, हार्मोनल बैलेंस और इम्यून सिस्टम भी गड़बड़ाने लगते हैं।

 

गुरुत्वाकर्षण प्रभाव को कम करने के आसान उपाय:

  • संवहनी रिजर्व का निर्माण: संवहनी रिजर्व (Vascular Reserve) बढ़ाने के लिए शरीर में रक्त वाहिकाओं की क्षमता और मजबूती को बढ़ाना ज़रूरी है। इसके लिए कभी-कभी हल्के उलटे पोज़ करना, नियमित रूप से व्यायाम करना और गर्म–ठंडे पानी का संपर्क अपनाना काफी मददगार हो सकता है। साथ ही, गहरी और नियंत्रित साँसों का अभ्यास मस्तिष्क और शरीर में ऑक्सीजन प्रवाह बढ़ाता है।
  • दैनिक रक्त प्रवाह को ऊँचा रखें: दैनिक रक्त प्रवाह ऊँचा रखने के लिए सही आसन बनाए रखें, दिनभर पर्याप्त पानी पिएँ और हर घंटे थोड़ी देर चल-फिर या स्ट्रेच करके शरीर को हिलाएँ। ये छोटी आदतें खून के प्रवाह को सक्रिय रखती हैं और मस्तिष्क पर गुरुत्वाकर्षण का असर कम करती हैं।
  • सही पोषण: सही पोषण देने के लिए नाइट्रिक ऑक्साइड बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ जैसे चुकंदर और हरी सब्जियाँ खाएँ, ओमेगा-3 से भरपूर चीजें शामिल करें, और ऐसे पोषक तत्व लें जो रक्त वाहिकाओं को मजबूत और लचीला बनाए रखें।

 

ज़ोमैटो के बारे में:

ज़ोमैटो इटरनल लिमिटेड के स्वामित्व वाली एक भारतीय ऑनलाइन फ़ूड ऑर्डर और डिलीवरी सेवा है। इसे 2008 में दीपिंदर गोयल और पंकज चड्ढा ने शुरू किया था। शुरुआत में यह फूडीबे नाम से एक रेस्टोरेंट-लिस्टिंग वेबसाइट थी, जहाँ मेनू, रिव्यू और सुझाव मिलते थे। बाद में इसका नाम ज़ोमैटो हो गया और यह कई देशों में फैला। 2015 में कंपनी ने फ़ूड डिलीवरी शुरू की, जो उसका सबसे बड़ा कारोबार बन गया। 2023 तक ज़ोमैटो 800 से ज़्यादा भारतीय शहरों में खाना डिलीवर करता है और UAE में रेस्टोरेंट खोजने की सुविधा भी देता है।

 

निष्कर्ष:

दीपिंदर गोयल का नया इनोवेटिव डिवाइस टेंपल न केवल तकनीकी दृष्टि से आकर्षक है, बल्कि उनकी शोध और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का भी प्रतीक है। टेंपल का टीज़र और गोयल की घोषणा दर्शाती है कि यह उत्पाद जल्द ही लोगों के लिए उपलब्ध होगा और स्वास्थ्य व विज्ञान के क्षेत्र में नई संभावनाओं को जन्म देगा।

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