उपचुनाव – विधायक जो पहले पुलिस कांस्टेबल था, मुख्य चुनाव में हारा और जेल भी गया !

हाल ही में देश के चार राज्यों—केरल, पंजाब, गुजरात और पश्चिम बंगाल—की पाँच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव संपन्न हुए। इनमें केरल की नीलांबुर, पंजाब की लुधियाना पश्चिम, गुजरात की कड़ी और विसावदर, तथा पश्चिम बंगाल की कालीगंज सीट शामिल थीं। सभी सीटों पर शांतिपूर्ण ढंग से मतदान हुआ और अब इनके परिणाम भी घोषित किए जा चुके हैं।

गुजरात की कड़ी सीट से भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र चावड़ा ने जीत दर्ज की। उन्होंने कांग्रेस के रमेश चावड़ा को हराया और वही गुजरात की विसावदर सीट पर आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार गोपाल इटालिया ने भाजपा प्रत्याशी कीर्ति पटेल को हराकर निर्णायक जीत दर्ज की।

केरल की नीलांबुर सीट पर UDF (कांग्रेस) के उम्मीदवार आर्यदन शौकत ने CPIM के एम. स्वराज को पराजित किया।

पंजाब की लुधियाना वेस्ट सीट पर AAP के संजीव अरोड़ा ने जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस के भारत भूषण आशु को हराया।

और पश्चिम बंगाल की कालीगंज सीट से TMC उम्मीदवार अलिफा अहमद विजयी रहीं। उन्होंने भाजपा के आशीष घोष को शिकस्त दी।

इन उपचुनावों में सबसे अधिक सुर्खियों में रही गुजरात की विसावदर सीट। जिस सीट से आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार गोपाल इटालिया ने जीत दर्ज की।

  • गोपाल इटालिया ने विसावदर विधानसभा उपचुनाव में 21 राउंड की मतगणना के बाद भाजपा के किरीट पटेल को 17,554 वोटों से हराकर निर्णायक जीत हासिल की। इटालिया को 75,942 वोट मिले, जबकि पटेल 58,388 वोटों से पीछे रहे। 

    इस जीत के साथ इटालिया आम आदमी पार्टी की ओर से गुजरात में विधायक बनने वाले छठे नेता बन गए हैं।

    यह जीत न सिर्फ AAP के लिए राहत है, बल्कि खुद इटालिया के लिए भी — जो वर्षों से विवादों के माध्यम से लड़ते हुए एक स्थायी राजनीतिक चेहरा बनने की कोशिश कर रहे हैं।

     

    आइए जानते है, उपचुनाव क्या होते हैं?

    उपचुनाव (Bypolls), जिन्हें उप-निर्वाचन या विशेष चुनाव भी कहा जाता है, भारत की विधायिकाओं में खाली हुई सीटों को भरने के लिए कराए जाने वाले चुनाव होते हैं। ये आम चुनावों के पूरक के रूप में कार्य करते हैं और अप्रत्याशित कारणों से उत्पन्न खाली सीटों को भरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

    इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि खाली हुई सीटों को समय पर भरा जा सके, ताकि प्रभावित निर्वाचन क्षेत्र या जिले के लोगों को निरंतर प्रतिनिधित्व मिलता रहे।

     

    कब-कब होते हैं उपचुनाव ?

    जब संसद या राज्य विधानसभा की कोई सीट निम्न कारणों से खाली हो जाती है, तब उपचुनाव कराए जाते हैं:

    किसी सदस्य की मृत्यु, इस्तीफा देना, अयोग्यता, निष्कासन

     

    इसकी समयसीमा क्या है:

    जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 151A के अनुसारनिर्वाचन आयोग को यह सुनिश्चित करना होता है कि संसद या राज्य विधानसभाओं की खाली सीटों को छह महीनों के भीतर उपचुनाव के माध्यम से भरा जाए — बशर्ते उस सीट के लिए एक वर्ष या उससे अधिक का कार्यकाल शेष हो।

     

    विसावदर विधानसभा सीट क्यों खाली थी ?

    जूनागढ़ जिले में आने वाली विसावदर सीट गुजरात में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी (AAP) जीती थी। लेकिन दिसंबर 2023 आते आते तत्कालीन आम आदमी पार्टी के विधायक भूपेंद्र भयानी इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए थे। उसके बाद से ही यह सीट खाली थी। और अब इसी सीट से आम आदमी पार्टी के गोपाल इटालिया ने जीत हासिल की है।

     

    आइये अब गोपाल इटालिया और उनके जीवन से जुड़ी चर्चित घटनाओ के बारे में जान लेते है-

     

    गोपाल इटालिया का जन्म 21 जुलाई 1989 को गुजरात के बोटाद में हुआ था। उन्होंने अपना बचपन अपनी मां के साथ ननिहाल में बिताया। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भावनगर जिले के उमराला तालुका के टिम्बी गांव से पूरी की और माध्यमिक शिक्षा ढोला गांव में पूरी की।

     

    सरकारी सेवा में प्रवेश-

    साल 2013 में 25 वर्ष की उम्र में गोपाल इटालिया गुजरात पुलिस में कांस्टेबल के पद पर नियुक्त हुए। उन्हें अहमदाबाद के मधुपुरा पुलिस स्टेशन में तैनाती मिली, जहां उन्होंने 2016 तक सेवा दी। लेकिन इस दौरान उन्होंने सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ आवाज़ उठानी शुरू कर दी।

     

    पहली बार जब सार्वजनिक चर्चा में आए –

    2017 में गोपाल इटालिया पहली बार सार्वजनिक चर्चा में आए जब उन्होंने गुजरात के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल को शराबबंदी कानून के उल्लंघन की शिकायत करने के लिए फोन किया। इस फोन कॉल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और वे भ्रष्टाचार विरोधी आवाज के रूप में पहचाने जाने लगे।

     

    सार्वजनिक प्रदर्शन और निलंबन-

    मार्च 2017 में गोपाल इटालिया ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान गुजरात के गृह राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा पर कथित रूप से जूता फेंका और “भ्रष्टाचार मुर्दाबाद” जैसे नारे लगाए। इसके चलते उन्हें निलंबित कर दिया गया और अंततः उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई और एक विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्हें 10 दिन जेल में भी रहना पड़ा।

     

    वायरल वीडियो और गिरफ्तारी-

    2018 में उन्होंने फेसबुक लाइव पर एक प्लास्टिक की बंदूक से फायरिंग का वीडियो डाला, जिसे किसान जानवरों को भगाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। हालांकि यह वीडियो वायरल हो गया और इसे लेकर विवाद हुआ। जनवरी 2019 में उन्हें आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया।

     

    शुरुआती राजनीतिक सक्रियता और पाटीदार आंदोलन-

    राजनीति में प्रवेश से पहले गोपाल इटालिया पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (PAAS) से जुड़े रहे और हार्दिक पटेल के साथ पाटीदार आरक्षण आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने 2018 में “कायदा कथा” सभाओं का आयोजन किया, जिससे आम लोगों में कानूनी जागरूकता फैलाई।

     

    आम आदमी पार्टी (AAP) में प्रवेश

    जून 2020 में गोपाल इटालिया आम आदमी पार्टी में गुजरात राज्य इकाई के उपाध्यक्ष के रूप में शामिल हुए। उन्होंने “युवा जोड़ो यात्रा” के ज़रिए राज्य में संगठन को मजबूत किया, जिससे उन्हें राष्ट्रीय नेतृत्व का ध्यान मिला। 12 दिसंबर 2020 को उन्हें गुजरात प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

     

    नेतृत्व और चुनावी सफलता-

    उनके नेतृत्व में AAP ने 2021 के गुजरात स्थानीय निकाय चुनावों में सूरत नगर निगम की 27 सीटें जीतकर पहली बार राज्य में मजबूत उपस्थिति दर्ज की। 2022 में उन्हें फिर से प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया और पार्टी ने विधानसभा चुनावों में 12.92% वोट शेयर के साथ 5 सीटें जीतीं। हालांकि गोपाल इटालिया खुद कतारगाम से चुनाव हार गए।

     

    विवाद और नेतृत्व परिवर्तन-

    2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान उनके पुराने विवादित वीडियो सामने आए, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और धार्मिक परंपराओं को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां शामिल थीं। इन विवादों से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा। चुनाव के बाद उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया और महाराष्ट्र का प्रभारी बना दिया गया। उनकी जगह इसुदान गढ़वी को अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

     

    अब 2025 में  विसावदर उपचुनाव में जीत मिली –

    राजनीति में वापसी करते हुए गोपाल इटालिया ने विसावदर विधानसभा उपचुनाव में जीत दर्ज की। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी किरीट पटेल को 17,554 वोटों के अंतर से हराया। इटालिया को 75,942 वोट मिले जबकि किरीट पटेल को 58,388 वोट मिले।

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