शुभांशु अंतरिक्ष में खिलौना लेकर क्यों गए?

“मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं क्योंकि उड़ाना मेरा बचपन से सपना था मैं अपनी टीम के साथ हूं और काफी खुश हूं।  AXIOM आकर बहुत उत्साहित महसूस कर रहा हूं मैं इस मौके पर  भारत में रह रहे लोगों को प्रेरित करना चाहता हूं ।

हम 41 साल बाद अंतरिक्ष में वापस लौटे हैं और यह कितना अद्भुत है शब्दों में बात नहीं सकता”

यह शब्द है शुभांशु शुक्ला के जो axiom 4 अंतरिक्ष मिशन के यात्री है। अपने संबोधन में बोलते हैं कि “मेरे कंधे पर तिरंगा बताता है कि मैं अकेला नहीं।“

यह AXIOM 4 एक प्राइवेट मिशन है!

  • यह AXIOM 4 एक प्राइवेट मिशन है और शुभांशु स्पेस की यात्रा करने वाले केवल दूसरे भारतीय हैं। 28 घंटे की यात्रा के बाद उनका ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट जिसमें उनके साथ अन्य सदस्य यात्री भी मौजूद हैं, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर आज गुरुवार को शाम 4:30 बजे पहुंचेगा।

    AXIOM का मिशन नासा द्वारा प्राइवेट प्लेयर्स को अंतरिक्ष यात्राएं करवाने के लिए प्रोत्साहित करने का एक माध्यम भी है। यह मिशन स्पष्ट करेगा कि आगे की यात्राएं किस प्रकार से होगी ?

    आई अब बात करते हैं कि अंतरिक्ष यात्रा के लिए चयन की प्रक्रिया क्या है?

    NASA – National Aeronautics and space administration यह एजेंसी मुख्य रूप से अंतरिक्ष के मामले में प्रबंधक की भूमिका में रहती है ।

    नासा अंतरिक्ष मिशन के लिए विभिन्न पृष्ठभूमि से आने वाले आवेदकों में से अंतरिक्ष यात्रियों का चयन करती है। प्राप्त हजारों आवेदनों में से केवल कुछ का ही चयन इसके लिए होता है।

    अंतरिक्ष यात्रियों के नवीनतम चनार्थियों में डॉक्टर, भौतिक विज्ञानी यानी साइंटिस्ट, इंजीनियर और US ट्रेक साइकलिंग टीम के एक सदस्य भी शामिल हैं।

    बात करें 2024 की तो अंतरिक्ष यात्रा करने हेतु कुल आवेदक 8000 प्राप्त हुए थे। जिनमें से केवल 12 से 16 लोगों का अंतिम रूप से अंतरिक्ष यात्रा के लिए चयन किया गया था।

    इसको देखकर यह तो स्पष्ट है की अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए आपका विमान विज्ञान से पृष्ठभूमि का होना जरूरी नहीं है।

    थोड़ा इतिहास जान लेते हैं कि इसकी शुरुआत कैसे हुई और अब यह कैसे कम कर रहा है

    नासा ने 1959 में अंतरिक्ष यात्रियों के पहले समूह का चयन किया। आवश्यक जेट विमान उड़ान अनुभव और इंजीनियरिंग प्रशिक्षण वाले 500 उम्मीदवारों के साथ-साथ 5 फ़ीट 11 इंच से कम ऊंचाई वाले सात सैन्य पुरुष देश के पहले अंतरिक्ष यात्री बन गए। चुने गए दूसरे और तीसरे समूहों में व्यापक उड़ान अनुभव वाले नागरिक शामिल थे। 1964 तक, आवश्यकताएं बदल गईं, और अकादमिक योग्यता पर ज़ोर दिया गया; 1965 में, 400 आवेदकों के समूह में से छह वैज्ञानिक अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया गया, जिनके पास प्राकृतिक विज्ञान, चिकित्सा या इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट या समकक्ष अनुभव था। 1978 में नामित समूह, नासा कक्षा 8, अंतरिक्ष शटल उड़ान चालक दल में से पहला और महिलाओं और अल्पसंख्यक अंतरिक्ष यात्रियों के साथ प्रथम श्रेणी था। 2013 में, अंतरिक्ष यात्री वर्ग पचास प्रतिशत महिलाएं और पचास प्रतिशत पुरुष थे।

    इस पर जो भी आगे अपडेट्स होंगे हम लगातार अपने चैनल के माध्यम से देते रहेंगे धन्यवाद।

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