यूनाइटेड किंगडम का भौगोलिक स्वरूप और ऐतिहासिक महत्व

यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom), जिसे आमतौर पर ब्रिटेन कहा जाता है, एक ऐसा देश है जिसकी ऐतिहासिक विरासत, वैश्विक भूमिका और सांस्कृतिक गहराई ने उसे हमेशा एक खास पहचान दी है। कभी ऐसा कहा जाता था कि “ब्रिटेन पर सूरज कभी नहीं डूबता”, क्योंकि इसका साम्राज्य पूरी दुनिया में फैला हुआ था।

लेकिन धीरे-धीरे परिस्थितियाँ बदलीं और आज यह देश पहले के मुकाबले कहीं छोटा और सीमित प्रभाव वाला हो गया है। इस बदलाव के पीछे कई कारण हैं—जैसे दो विश्व युद्धों से हुआ भारी नुकसान, उपनिवेशों में बढ़ता स्वतंत्रता आंदोलन, और खुद ब्रिटेन के अंदर हुए सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन। युद्धों ने न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर किया, बल्कि उसकी वैश्विक प्रतिष्ठा को भी चोट पहुंचाई।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, ब्रिटेन के कई उपनिवेशों में आज़ादी की मांग तेज़ हो गई। उन्हें बनाए रखना मुश्किल होता गया और एक-एक करके कई देशों को स्वतंत्रता दी गई।

इन्हीं परिवर्तनों के बीच, हाल ही में भारत और ब्रिटेन के बीच एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement) हुआ है। ब्रेक्सिट के बाद यह एक बड़ी पहल मानी जा रही है, जिसने ब्रिटेन को एक बार फिर वैश्विक चर्चा का विषय बना दिया है।

इस लेख में हम ब्रिटेन के इतिहास, भूगोल, समाज और उसकी वर्तमान भूमिका को विस्तार से समझेंगे।

भौगोलिक स्थिति और भौगोलिक विविधता

यूनाइटेड किंगडम मुख्य रूप से ग्रेट ब्रिटेन द्वीप पर स्थित है, जिसमें इंग्लैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड आते हैं, जबकि नॉर्दर्न आयरलैंड आयरिश द्वीप के उत्तर-पूर्वी हिस्से में है। स्कॉटलैंड और वेल्स के पहाड़ी क्षेत्र हिम युग के दौरान बने ग्लेशियरों से आकारित हुए हैं, वहीं इंग्लैंड और नॉर्दर्न आयरलैंड में मैदान और पहाड़ियों का आकर्षक मेल देखने को मिलता है। यू.के. लगभग 49° से 61° उत्तरी अक्षांश और 8° पश्चिम से 2° पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है।

  • राजधानी: लंदन
  • क्षेत्रफल: 2,43,610 वर्ग किलोमीटर
  • जनसंख्या: लगभग 6.84 करोड़ (2023)
  • भाषा: अंग्रेज़ी
  • औसत आयु: 82.06 वर्ष (2022)

ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

यू.के. का इतिहास घटनाओं से भरपूर रहा है।

  • 1801 में ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड के विलय से यूनाइटेड किंगडम की स्थापना हुई।
  • 19वीं शताब्दी में ब्रिटेन एक विशाल औद्योगिक और उपनिवेशिक शक्ति बन गया।
  • 1921 में आयरिश स्वतंत्रता आंदोलन के फलस्वरूप आयरिश फ्री स्टेट बना, जबकि नॉर्दर्न आयरलैंड यू.के. में ही रहा।
  • द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कल्याणकारी नीतियों की शुरुआत हुई और NHS की स्थापना की गई।
  • 1973 में यूरोपीय आर्थिक समुदाय में शामिल हुआ, परंतु 2016 में ब्रेक्सिट के पक्ष में मतदान हुआ और 2020 में EU से औपचारिक रूप से अलग हो गया।
  • 1998 में गुड फ्राइडे समझौते से उत्तरी आयरलैंड में शांति स्थापित हुई।
  • 2022 में महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के निधन के बाद चार्ल्स तृतीय राजा बने।
  • 2024 में कीर स्टारमर के नेतृत्व में लेबर पार्टी सत्ता में आई और जर्मनी के साथ “केन्सिंग्टन संधि” जैसे नए समझौते किए गए।

प्राकृतिक विविधता और जैव संसाधन

ब्रिटेन में बहुत कम जंगल बचे हैं, लेकिन यहां के वन्यजीवों ने मानव बस्तियों के साथ सामंजस्य स्थापित कर लिया है।

  • प्रमुख प्रजातियाँ: हेजहॉग, स्कॉटिश वाइल्ड कैट, पाइन् मार्टन, गोल्डन ईगल, ऐडर सांप, स्नाइप पक्षी
  • विशिष्ट पेड़: वेल्स में पाए जाने वाला दुर्लभ लेज़ वाइटबीम
  • समुद्री जीव: पफिन्स, व्हेल और डॉल्फ़िन ब्रिटिश समुद्री तटों पर आमतौर पर पाए जाते हैं।

 

जनसंख्या और सांस्कृतिक संरचना

ब्रिटेन की सांस्कृतिक विविधता उसकी ऐतिहासिक विरासत का परिणाम है। प्राचीन काल के सेल्टिक लोग, रोमन आक्रांता, वाइकिंग्स और फिर उपनिवेशों से आए प्रवासी इस समाज का हिस्सा बने।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप के अन्य हिस्सों से शरणार्थी आए, और 1950-60 के दशक में भारत, नाइजीरिया और जमैका जैसे देशों से बड़ी संख्या में लोग काम की तलाश में ब्रिटेन पहुंचे।

  • धार्मिक दृष्टि से ईसाई धर्म प्रमुख है, लेकिन मुस्लिम, हिंदू और यहूदी समुदायों की उपस्थिति भी तेजी से बढ़ रही है।
  • फुटबॉल, क्रिकेट और रग्बी जैसे खेलों की उत्पत्ति यहीं हुई। शेक्सपियर, चार्ल्स डिकेन्स और जे.के. रोलिंग जैसे साहित्यकारों ने ब्रिटेन को सांस्कृतिक महाशक्ति का दर्जा दिलाया।

 

सॉफ्ट पावर और वैश्विक छवि

एक समय था जब ब्रिटेन की सॉफ्ट पावर दुनिया भर में प्रभावशाली थी, लेकिन ब्रेक्सिट, आर्थिक चुनौतियों और राजनीतिक अस्थिरता के कारण इसकी छवि कमजोर हुई। विदेशी छात्रों की संख्या में गिरावट आई और अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक सहयोग में कमी आई।
हालांकि हालिया वर्षों में यूक्रेन को दिया गया समर्थन, भारत जैसे देशों के साथ व्यापारिक संबंधों को सुदृढ़ करने के प्रयास और डिजिटल एवं युवा केंद्रित नीतियों के माध्यम से सॉफ्ट पावर को पुनर्स्थापित करने की कोशिशें हो रही हैं।

 

निष्कर्ष:

यूनाइटेड किंगडम न केवल एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक राष्ट्र है, बल्कि आज भी वैश्विक मंच पर उसकी भूमिका महत्वपूर्ण बनी हुई है। ब्रेक्सिट के बाद उत्पन्न चुनौतियों का सामना करते हुए यू.के. नई दिशा में अग्रसर हो रहा है।
भारत के साथ किया गया नवीन मुक्त व्यापार समझौता न केवल आर्थिक दृष्टि से लाभकारी है, बल्कि यह ब्रिटेन की वैश्विक रणनीति में भारत की अहमियत को भी दर्शाता है। आधुनिक ब्रिटेन नवाचार, लोकतंत्र, विविधता और वैश्विक सहभागिता का प्रतीक बनकर उभर रहा है, और यह आने वाले वर्षों में अपनी सॉफ्ट पावर को और भी मजबूत करने की क्षमता रखता है।