थाईलैंड: इतिहास, भूगोल, संस्कृति और पर्यटन का जीवंत संगम

थाईलैंड, जिसे “स्माइल्स की भूमि” के नाम से जाना जाता है, दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित एक प्रमुख राष्ट्र है जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य, विविध जैव विविधता और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है।

हाल ही में यह देश कंबोडिया के साथ सीमा विवाद के कारण अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में रहा है। इस लेख में थाईलैंड के भूगोल, इतिहास, संस्कृति और पर्यटन से संबंधित प्रमुख तथ्यों पर प्रकाश डाला गया है।

 

भौगोलिक स्थिति:

थाईलैंड दक्षिण-पूर्व एशिया के केंद्र में स्थित है, जिसकी भौगोलिक स्थिति लगभग 15° उत्तर अक्षांश और 100° पूर्व देशांतर पर है। इसके पूर्व में कंबोडिया, उत्तर-पूर्व में लाओस, उत्तर-पश्चिम में म्यांमार तथा पश्चिम में अंडमान सागर और थाईलैंड की खाड़ी स्थित हैं। दक्षिणी सीमा मलेशिया से लगती है, जहाँ पहाड़ी और घने वन क्षेत्र विद्यमान हैं। थाईलैंड के सबसे ऊँचे पर्वत देश के उत्तरी भाग में स्थित हैं।

  • राजधानी: बैंकॉक
  • क्षेत्रफल: 513,120 वर्ग किलोमीटर
  • जनसंख्या: लगभग 7.17 करोड़ (2023)
  • आधिकारिक भाषा: थाई
  • औसत आयु (2022): 79.68 वर्ष

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

थाईलैंड का इतिहास अत्यंत प्राचीन है:

  • प्रागैतिहासिक युग: लगभग 20,000 ई.पू. से मानव बस्तियाँ विकसित हुईं; 2000 ई.पू. में धान की खेती आरंभ हुई और धीरे-धीरे कांस्य व लोहे का उपयोग प्रारंभ हुआ।
  • प्रारंभिक साम्राज्य: फुनान और खमेर साम्राज्य का प्रभाव रहा।
  • स्थानीय राज्य: 1238 ई. में सुखोथाई और 1351 में अयुत्थया साम्राज्य की स्थापना हुई। अयुत्थया एशिया की एक महाशक्ति बनी, जिसे 1767 में बर्मा द्वारा नष्ट किया गया।
  • रतनकोसिन युग: 1782 में बैंकॉक में चक्री वंश द्वारा शासन की शुरुआत हुई, जो आज तक कायम है।
  • औपनिवेशिक काल: थाईलैंड यूरोपीय उपनिवेशवाद से अछूता रहा और एक बफर स्टेट के रूप में कार्य करता रहा।
  • आधुनिक युग: 1932 में संवैधानिक राजशाही की स्थापना हुई; 1939 में देश का नाम ‘थाईलैंड’ रखा गया।
  • द्वितीय विश्व युद्ध: जापान के साथ गठबंधन किया गया।
  • राजनीतिक उथल-पुथल: 1947 से बार-बार सैन्य तख्तापलट हुए। 2001 में थाक्सिन शिनवात्रा प्रधानमंत्री बने, परंतु 2006 और 2014 में उन्हें सत्ता से हटाया गया। 2023 में उनकी पुनः वापसी और जेल की सजा चर्चा का विषय बनी।

 

प्राकृतिक विविधता और जैव संपदा

थाईलैंड का मौसम मई से सितंबर तक अत्यंत आर्द्र होता है, जो वनस्पति और जैव विविधता के लिए अनुकूल है। यहाँ व्यापक वर्षावन, पर्वतीय क्षेत्र, और समृद्ध वन्य जीवन पाया जाता है।

  • प्रमुख पौधे: कमल (राष्ट्रीय फूल), पिचर प्लांट (मांसाहारी पौधा)
  • प्रमुख जीव: बाघ, एशियाई हाथी, मलायन टैपीर, जंगली बैल, तेंदुआ, कोबरा, मगरमच्छ आदि

 

सांस्कृतिक परंपराएँ और जीवनशैली

थाईलैंड की लगभग 90% जनसंख्या बौद्ध धर्म को मानती है। देश के दक्षिणी भाग में लगभग 30 लाख मुसलमान निवास करते हैं, जो मलेशिया की सीमा से सटे क्षेत्रों में रहते हैं।

  • खानपान: थाई भोजन में चीनी और भारतीय पाक शैली का प्रभाव है। लेमनग्रास, तुलसी, मिर्च, अदरक और नारियल दूध का प्रयोग आम है।
  • शहतूत और रेशम उद्योग: किसान शहतूत की खेती करते हैं, जिनकी पत्तियाँ रेशम के कीड़ों के लिए आवश्यक होती हैं।
  • बैंकॉक का विशेष महत्व: बैंकॉक को “पूर्व का वेनिस” कहा जाता है, जहाँ 83 नहरें हैं और तैरते बाजार लोकप्रिय हैं। यहाँ सुंदर पगोडा, बुद्ध प्रतिमाएँ और स्वर्ण स्तूप विशेष आकर्षण हैं।

 

पर्यटन स्थल और मौसम

थाईलैंड एक प्रमुख वैश्विक पर्यटन स्थल है, जहाँ समुद्रतट, द्वीप, जंगल, नाइटलाइफ़ और सांस्कृतिक अनुभवों का अनूठा संगम देखने को मिलता है।

  • प्रमुख स्थल: बैंकॉक, पटाया, फुकेट, चियांग माई, कोह समुई, क्राबी, अयुत्थया आदि
  • यात्रा का अनुकूल समय: नवंबर से मार्च के बीच का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है, जब मौसम शुष्क और सुहावना होता है। अप्रैल से अक्टूबर तक गर्मी और वर्षा अधिक होती है।

 

भारत-थाईलैंड संबंध:

  1. रणनीतिक साझेदारी और क्षेत्रीय सहयोग: भारत और थाईलैंड एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी, पारदर्शी और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। दोनों देश आसियान केंद्रीयता को प्राथमिकता देते हैं, जो क्षेत्रीय भू-राजनीति और भू-अर्थव्यवस्था में ASEAN की प्रमुख भूमिका को सुनिश्चित करता है।
  2. रणनीतिक अवस्थिति और नीतिगत संगति: थाईलैंड भारत का समुद्री पड़ोसी है, जिसके साथ भारत का रणनीतिक सहयोग प्राकृतिक है। भारत की “Act East Policy” और थाईलैंड की “Act West Policy” एक-दूसरे की पूरक हैं, जो क्षेत्रीय समन्वय को बढ़ावा देती हैं।
  3. बहुपक्षीय मंचों में सहयोग: दोनों देश ASEAN और BIMSTEC जैसे क्षेत्रीय तथा उप-क्षेत्रीय समूहों में घनिष्ठ सहयोगी हैं।
  4. राजनयिक संबंध: भारत और थाईलैंड के बीच औपचारिक राजनयिक संबंध वर्ष 1947 में स्थापित हुए थे। यह संबंध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सभ्यतागत जुड़ाव पर आधारित हैं।
  5. आर्थिक सहयोग: वर्ष 2023-24 में भारत-थाईलैंड द्विपक्षीय व्यापार लगभग 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ती निकटता को दर्शाता है।

 

निष्कर्ष:

थाईलैंड एक ऐसा देश है जहाँ प्राचीन सभ्यताएँ, समृद्ध संस्कृति, विविध प्राकृतिक संसाधन और आधुनिक पर्यटन का विलक्षण संगम देखने को मिलता है। इसकी ऐतिहासिक धरोहरें, जीवंत संस्कृति, धार्मिक स्थलों की भव्यता और प्राकृतिक सौंदर्य इसे दक्षिण-पूर्व एशिया का एक आकर्षक केंद्र बनाते हैं। बैंकॉक जैसे शहर आधुनिकता और परंपरा के मेल का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।

नवंबर से मार्च के बीच थाईलैंड की यात्रा न केवल मनोहारी प्राकृतिक दृश्यों की खोज है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक अनुभव भी प्रदान करती है, जो यात्रियों के हृदय में स्थायी प्रभाव छोड़ती है।

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