केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने हाल ही में घोषणा की कि हरियाणा के गोरखपुर में एक नया परमाणु संयंत्र बनाया जाना है। यह उत्तर भारत का पहला परमाणु संयंत्र होगा। प्लांट 560 हेक्टेयर जमीन पर बनना है।
इससे 2800 मेगावाट बिजली पैदा होगी। नींव का पत्थर 2014 में रखा गया था।
हालांकि, निर्माण अभी शुरू हो रहा है। पहला चरण 2025 तक पूरा होना है और दूसरा चरण 2028 तक पूरा होना है।
दूसरे चरण के पूरा होते ही संयंत्र 2800 मेगावाट का उत्पादन पूर्ण रूप से चालू हो जाएगा।
प्लांट कौन बना रहा है?
नेशनल पावर कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड यह सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई देश के सभी परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के लिए जिम्मेदार है।
देरी क्यों?
भूमि अधिग्रहण के मुद्दे। जिस जमीन पर प्लांट बनाया जाना है, उसके मालिकों ने उसे खाली करने से मना कर दिया।
उनके लिए, जमीन खाली करने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रदान किया गया मुआवजा अपर्याप्त था।
देरी के कारण, भारत सरकार को प्रति दिन 7 करोड़ रुपये से 8 करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा था।
परियोजना की लागत
इस परियोजना का निर्माण 20,594 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जाना है। यह लागत अनुमान 2014 में किया गया था। बढ़ती महंगाई के साथ अब लागत बढ़ गई होगी।