ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2025: चीन टॉप-10 में शामिल, जर्मनी 11वें स्थान पर खिसका…

संयुक्त राष्ट्र की वार्षिक ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) रिपोर्ट में चीन पहली बार दुनिया के सबसे नवाचारी देशों (Innovative countries) की शीर्ष 10 सूची में शामिल हुआ है। इस सूची में चीन ने यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी को पीछे छोड़ दिया। बीजिंग स्थित कंपनियों द्वारा अनुसंधान और विकास (R&D) में बड़े पैमाने पर निवेश को इसकी मुख्य वजह माना जा रहा है।

Global Innovation Index 2025

139 अर्थव्यवस्थाओं के आकलन पर आधारित इस सर्वे में 78 संकेतकों के आधार पर देशों की रैंकिंग तय की गई। इसमें स्विट्ज़रलैंड 2011 से लगातार पहले स्थान पर बना हुआ है। इसके बाद स्वीडन दूसरे और अमेरिका तीसरे स्थान पर रहा, जबकि चीन 10वें स्थान पर पहुँचा।

Image credit: WIPO Global Innovation Index 2025

 

शोध एवं विकास (R&D) निवेश में जल्द शीर्ष पर होगा चीन:

सर्वे के अनुसार, चीन तेज़ी से निजी क्षेत्र की फंडिंग का अंतर कम कर रहा है और निकट भविष्य में शोध एवं विकास (R&D) पर सबसे अधिक खर्च करने वाला देश बन सकता है।

 

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2025 में जर्मनी की स्थिति क्या है?:

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2025 में जर्मनी 11वें स्थान पर पहुँच गया है। यह बदलाव उल्लेखनीय है क्योंकि जर्मनी इससे पहले लगातार टॉप 10 में शामिल रहा करता था। इस बार चीन ने जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए 10वाँ स्थान हासिल किया है, और पहली बार GII की शीर्ष 10 सबसे नवाचारी अर्थव्यवस्थाओं में जगह बनाई है।

 

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) 2025: प्रमुख निष्कर्ष\

  1. नए सदस्य (New Entrants): इस वर्ष कुल 6 देशों ने पहली बार GII में जगह बनाई, जिनमें से 5 सब-सहारन अफ्रीका क्षेत्र से हैं: सेशेल्स (75वाँ), मलावी (125वाँ), लेसोथो (132वाँ), गिनी (133वाँ), कांगो (137वाँ)
  2. तेज़ी से आगे बढ़ने वाले देश: मध्यम-आय वाली अर्थव्यवस्थाएँ जैसे चीन (10वाँ), भारत (38वाँ), वियतनाम (44वाँ), फिलीपींस (50वाँ) और इंडोनेशिया (55वाँ) ने 2013 से अब तक रैंकिंग में तेज़ उछाल दर्ज किया है।
  3. इनोवेशन के तेज़ धावक (Fastest Innovation Climbers- 2019 से):
  • सऊदी अरब (46वाँ)
  • क़तर (48वाँ)
  • ब्राज़ील (52वाँ)
  • मॉरीशस (53वाँ)
  • बहरीन (62वाँ)
  • जॉर्डन (65वाँ)
  1. सबसे अधिक इनोवेशन क्लस्टर्स वाले देश: ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2025 के अनुसार, लगातार तीसरे वर्ष चीन ने सबसे अधिक इनोवेशन क्लस्टर्स के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया है। चीन के 24 क्लस्टर्स शीर्ष 100 की सूची में शामिल हुए। इसके बाद अमेरिका दूसरे स्थान पर रहा, जिसके 22 क्लस्टर्स सूची में जगह बना पाए। वहीं, जर्मनी तीसरे स्थान पर रहा, जिसके 7 क्लस्टर्स शीर्ष 100 में शामिल हुए।
  2. सबसे निचले स्थान वाले देश
  • नाइजर: 139वाँ (स्कोर: 9)
  • अंगोला: 138वाँ
  • कांगो: 137वाँ
  • वेनेज़ुएला: 136वाँ
  • माली: 135वाँ

 

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2025 में भारत की स्थिति (GII 2025): ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) 2025 में भारत 139 अर्थव्यवस्थाओं में से 38वें स्थान पर रहा है।

छह वर्षों मे भारत की रंकिंग मे उल्लेखनीय सुधार:

पिछले छह वर्षों के दौरान भारत की रैंकिंग में लगातार सुधार देखने को मिला है। हालाँकि, GII मॉडल फ्रेमवर्क में बदलाव और डेटा उपलब्धता जैसे कारक साल-दर-साल तुलना को प्रभावित करते हैं।

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2025 में भारत का प्रदर्शन:

 

क्षेत्रीय प्रदर्शन

  • लोअर मिडिल-इनकम (LMI) समूह: 37 देशों में भारत पहले स्थान पर रहा।
  • सेंट्रल और साउदर्न एशिया: 10 देशों में भी भारत ने शीर्ष स्थान हासिल किया।

क्लस्टर रैंकिंग: विश्व के शीर्ष 100 नवाचार क्लस्टर्स में भारत के 4 शहर शामिल हुए:

  • बेंगलुरु, कर्नाटक: 21वाँ स्थान
  • दिल्ली: 26वाँ स्थान
  • मुंबई, महाराष्ट्र: 46वाँ स्थान
  • चेन्नई, तमिलनाडु: 84वाँ स्थान

मजबूत क्षेत्र (Highest Rankings)

  • ज्ञान और प्रौद्योगिकी उत्पादन (Knowledge & Technology Outputs): 22वाँ
  • बाज़ार परिष्कार (Market Sophistication): 38वाँ

कमज़ोर क्षेत्र (Lowest Rankings)

  • व्यावसायिक परिष्कार (Business Sophistication): 64वाँ
  • बुनियादी ढाँचा (Infrastructure):61वाँ
  • संस्थान (Institutions): 58वाँ

 

चीन की प्रगति और जर्मनी की गिरावट का कारण क्या रहा ?

चीन का उभार (China’s Rise):

  • R&D निवेश: चीन अनुसंधान एवं विकास (R&D) पर तेजी से खर्च बढ़ा रहा है और निकट भविष्य में दुनिया का सबसे बड़ा R&D खर्च करने वाला देश बनने की राह पर है।
  • पेटेंट: चीन अंतरराष्ट्रीय पेटेंट आवेदनों का सबसे बड़ा स्रोत है और इसमें लगातार वृद्धि हो रही है, जो उसकी औद्योगिक क्षमता और आर्थिक ज्ञान का संकेत है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2024 में चीन ने वैश्विक पेटेंट आवेदनों का लगभग एक-चौथाई योगदान दिया, जिससे वह इस क्षेत्र में सबसे बड़ा स्रोत बना रहा। इसके विपरीत, अमेरिका, जापान और जर्मनी जो मिलकर कुल आवेदनों के लगभग 40% हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं, सभी ने हल्की गिरावट दर्ज की। पेटेंट स्वामित्व को किसी देश की आर्थिक ताकत और औद्योगिक विशेषज्ञता का अहम संकेतक माना जाता है।
  • डिजिटलीकरण: डिजिटल तकनीकों में चीन ने विशेष मजबूती दिखाई है और नए डिजिटल उद्यमों को तेजी से बढ़ावा दिया है।

जर्मनी की गिरावट (Germany’s Decline):

  • डिजिटलीकरण की चुनौतियाँ: जर्मनी पारंपरिक औद्योगिक और तकनीकी नवाचार में तो मजबूत है, लेकिन डिजिटल नवाचार की गति से तालमेल बिठाने और नए स्टार्टअप इकोसिस्टम को विकसित करने में चुनौतियों का सामना कर रहा है।
  • रैंकिंग में गिरावट: ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) में जर्मनी की रैंकिंग 9वें से घटकर 11वें स्थान पर आ गई है, जिससे वह शीर्ष 10 से बाहर हो गया।

 

आइए जान लेते है, ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) के बारे में-

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) की शुरुआत वर्ष 2007 में INSEAD, कॉर्नेल यूनिवर्सिटी और WIPO (World Intellectual Property Organization) द्वारा की गई थी। यह एक वार्षिक रैंकिंग है, जिसमें विश्व की अर्थव्यवस्थाओं को उनकी नवाचार क्षमता (Innovation Capacity) और नवाचार परिणामों (Innovation Outcomes) के आधार पर आंका जाता है। वर्तमान में इसे WIPO प्रकाशित करता है।

 

मूल्यांकन प्रक्रिया:

GII, वर्ष 2025 में, विश्व की 139 अर्थव्यवस्थाओं का मूल्यांकन करता है। इसमें लगभग 80 संकेतकों (Indicators) का उपयोग किया जाता है। ये संकेतक अनुसंधान एवं विकास (R&D) व्यय, वेंचर कैपिटल (VC) निवेश, उच्च-तकनीकी निर्यात और बौद्धिक संपदा (IP) फाइलिंग जैसी गतिविधियों को कवर करते हैं।

 

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) की गणना कैसे होती है

समग्र स्कोर: ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) का कुल स्कोर दो उप-सूचकांकों (Sub-Indices) का औसत होता है। ये उप-सूचकांक कुल 7 स्तंभों (Pillars) पर आधारित हैं।

  1. नवाचार इनपुट उप-सूचकांक (Innovation Input Sub-Index)- 5 स्तंभ:

यह उन तत्वों को मापता है, जो किसी अर्थव्यवस्था में नवाचार को सक्षम और प्रोत्साहित करते हैं:

  • संस्थान: राजनीतिक व्यवस्था, नियामक ढाँचा और व्यावसायिक वातावरण।
  • मानव पूंजी और अनुसंधान: शिक्षा प्रणाली और अनुसंधान एवं विकास (R&D) गतिविधियाँ।
  • बुनियादी ढाँचा: सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT), सामान्य अवसंरचना और पारिस्थितिकीय स्थिरता।
  • बाज़ार परिष्कार: ऋण, निवेश और व्यापारिक प्रतिस्पर्धा।
  • व्यावसायिक परिष्कार: ज्ञानकर्मी, नवाचार सहयोग और ज्ञान आत्मसात।

 

  1. नवाचार आउटपुट उप-सूचकांक (Innovation Output Sub-Index)- 2 स्तंभ:

यह नवाचार गतिविधियों के परिणामों को मापता है:

  • ज्ञान और प्रौद्योगिकी उत्पादन: ज्ञान निर्माण, उसका प्रभाव और प्रसार।
  • रचनात्मक उत्पादन: रचनात्मक वस्तुएँ एवं सेवाएँ, अमूर्त संपत्तियाँ और ऑनलाइन रचनात्मकता।