अमेरिकी वीज़ा और कड़े नियम :- जानिए वीजा और उससे जुड़े प्रकार 

अमेरिका के वीजा नियमों में पृष्ठभूमि जांच (background verification) एक अहम प्रक्रिया रही है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना और अवांछित गतिविधियों को रोकना है। समय-समय पर अमेरिका ने वीजा प्रक्रिया को और सख्त बनाया है, खासकर आतंकवाद, साइबर सुरक्षा और फर्जी पहचान जैसे मामलों को लेकर। हाल के वर्षों में डिजिटल गतिविधियों, खासकर सोशल मीडिया, को भी वीजा निर्णय में एक महत्वपूर्ण कारक माना जाने लगा है।

 

हाल ही में भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने वीजा चाहने वालों के लिए एक नई अनिवार्यता घोषित की है। अब अमेरिका के लिए वीजा आवेदन (DS-160 फॉर्म) भरने वालों को पिछले 5 वर्षों में इस्तेमाल किए गए सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स की जानकारी देनी होगी।

दूतावास ने आगे कहा है कि “तत्काल प्रभाव से, F, M या J श्रेणी के गैर-आप्रवासी वीजा के आवेदकों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे अपने सभी सोशल मीडिया खातों की गोपनीयता सेटिंग्स को ‘पब्लिक’ (सार्वजनिक) कर दें।” यह कदम अमेरिका के कानून के अंतर्गत उनकी पहचान और वीजा पात्रता की पूरी जांच के लिए आवश्यक है।

दूतावास ने स्पष्ट किया है कि:

  • यदि कोई आवेदक यह जानकारी छुपाता है या गलत जानकारी देता है, तो उसका वीजा रद्द किया जा सकता है। साथ ही, उसे भविष्य में वीजा के लिए अयोग्य भी घोषित किया जा सकता है।

    क्या है सोशल मीडिया वेटिंग?

    सोशल मीडिया वेटिंग का मतलब है — वीज़ा के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति की ऑनलाइन गतिविधियों की गहन और विस्तृत जांच। इसके ज़रिए अमेरिकी अधिकारी यह तय करते हैं कि क्या आवेदक अमेरिका में प्रवेश के लिए उपयुक्त और सुरक्षित है या नहीं।

    इस वेटिंग प्रक्रिया में आवेदकों के Facebook, X (पूर्व में Twitter), LinkedIn, TikTok जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर की गई गतिविधियों — जैसे पोस्ट, शेयर, लाइक और कमेंट — को ध्यान से देखा जाता है।

    क्यों बढ़ाई गई है सख्ती?

    नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, यदि आवेदक के सोशल मीडिया पोस्ट में ऐसी कोई सामग्री मिलती है जो अमेरिका के राष्ट्रीय हितों के विरुद्ध है — जैसे कि आतंकवाद का समर्थन, यहूदी-विरोधी भावना या कट्टरपंथी विचार — तो उसका वीज़ा रद्द किया जा सकता है या उसे वीज़ा देने से इनकार किया जा सकता है।

    हाल ही में अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो ने बताया कि सिर्फ एक महीने में 300 से अधिक वीज़ा आवेदनों को सोशल मीडिया पोस्ट के कारण रद्द कर दिया गया था। इन पोस्टों में आतंकवाद समर्थक विचारों और यहूदियों के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणियाँ शामिल थीं।

    इस बढ़ी हुई निगरानी के तहत, हमास, हिजबुल्लाह, और हौथी विद्रोहियों जैसे अमेरिका द्वारा घोषित आतंकी संगठनों के समर्थन में कोई भी सोशल मीडिया गतिविधि वीज़ा अस्वीकृति या ग्रीन कार्ड नकारने का आधार बन सकती है।

     क्या है F, M और J वीज़ा?

    इन तीनों वीज़ा श्रेणियों को समझना जरूरी है, क्योंकि सोशल मीडिया वेटिंग का सीधा असर इन्हीं पर सबसे अधिक देखा गया है:

    F वीज़ा: यह वीज़ा उन विदेशी छात्रों को दिया जाता है जो अमेरिका की यूनिवर्सिटीज़, कॉलेज या अन्य शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई करने के लिए आते हैं।

    M वीज़ा: यह वीज़ा उन छात्रों के लिए होता है जो तकनीकी, व्यावसायिक या गैर-शैक्षणिक स्कूलों में प्रशिक्षण लेते हैं।

    J वीज़ा: यह उन विज़िटर्स को दिया जाता है जो किसी मान्यता प्राप्त शैक्षणिक या सांस्कृतिक एक्सचेंज प्रोग्राम का हिस्सा होते हैं — जैसे रिसर्च फेलो, स्कॉलर या इंटर्न।

    वीज़ा क्या होता है?

    वीजा एक आधिकारिक यात्रा दस्तावेज़ (official travel document) होता है जिसे किसी देश की सरकार द्वारा किसी विदेशी नागरिक को जारी किया जाता है। यह दस्तावेज़ उस विदेशी व्यक्ति को निर्धारित अवधि के लिए उस देश में प्रवेश करने, वहां ठहरने या उसे छोड़ने की अनुमति देता है।

    वीज़ा से संबंधित मुख्य बिंदु जान लेते है-

    वीजा एक सशर्त अनुमति (conditional authorization) होती है, जो यह दर्शाती है कि धारक को किसी देश में प्रवेश की अनुमति है।

    यह अनुमति एक विशेष अवधि के लिए होती है और इसके साथ कुछ शर्तें जुड़ी होती हैं।

    वीजा आमतौर पर प्रवेश की अनुमति का अनुरोध (request for permission) होता है — यानी वीजा होने का मतलब यह नहीं होता कि आपको देश में प्रवेश की पूर्ण गारंटी है; अंतिम निर्णय सीमा पर आव्रजन अधिकारी का होता है।

    वीजा पासपोर्ट के साथ जोड़ा जाता है और इसमें वीजा धारक की यात्रा से जुड़ी जानकारी होती है, जैसे — उद्देश्य (पर्यटन, काम, पढ़ाई), अवधि, और कितनी बार प्रवेश किया जा सकता है (single/multiple entry)।

     

    हर व्यक्ति को वीज़ा की आवश्यकता उसके यात्रा के उद्देश्य पर निर्भर करती है — जैसे घूमने, पढ़ाई, काम, या स्थायी निवास आदि।

     

    वीज़ा के प्रकार-

    हर देश अपने कानूनों के तहत विभिन्न प्रकार के वीज़ा प्रदान करता है। यहां वीज़ा के कुछ सामान्य और प्रमुख प्रकारों को सरल भाषा में समझाया गया है:

    पर्यटन वीज़ा (Tourist Visa): यह वीज़ा उन लोगों को दिया जाता है जो किसी देश में घूमने, छुट्टियाँ मनाने या पारिवारिक यात्रा के उद्देश्य से जाते हैं। इस वीज़ा के तहत कार्य या शिक्षा की अनुमति नहीं होती।

    व्यापारिक वीज़ा (Business Visa): इस वीज़ा का उद्देश्य व्यापारिक गतिविधियों के लिए यात्रा करने वाले लोगों को अनुमति देना है — जैसे कि मीटिंग, कॉन्फ्रेंस, या बिज़नेस डील्स में हिस्सा लेना। इसमें नौकरी करने की अनुमति नहीं होती, केवल व्यापारिक उद्देश्य मान्य होते हैं।

    छात्र वीज़ा (Student Visa): यह वीज़ा उन लोगों को जारी किया जाता है जो किसी विदेशी विश्वविद्यालय, कॉलेज या शैक्षणिक संस्थान में पढ़ाई करना चाहते हैं। इस वीज़ा के साथ आमतौर पर पढ़ाई के दौरान सीमित काम करने की छूट मिल सकती है।

    कार्य वीज़ा (Work Visa): इस वीज़ा के माध्यम से कोई व्यक्ति किसी विदेशी देश में नौकरी या पेशेवर कार्य कर सकता है। इसमें नौकरी करने की पूरी अनुमति होती है और यह आमतौर पर नियोक्ता द्वारा प्रायोजित होता है।

    ट्रांज़िट वीज़ा (Transit Visa): यह वीज़ा तब दिया जाता है जब किसी यात्री को एक देश से होते हुए किसी अन्य देश की यात्रा करनी होती है। जैसे अगर आप भारत से कनाडा जा रहे हैं और बीच में दुबई रुकना है, तो दुबई के लिए ट्रांज़िट वीज़ा जरूरी हो सकता है।

    निवासी वीज़ा (Resident Visa): जब कोई व्यक्ति किसी देश में लंबे समय तक रहना चाहता है — जैसे नौकरी, व्यापार, परिवार या अन्य कारणों से — तो उसे निवासी वीज़ा की आवश्यकता होती है। इससे स्थायी निवास की दिशा में भी रास्ता खुलता है।

    पारिवारिक वीज़ा (Family Visa): यह वीज़ा उन लोगों के लिए होता है जिनका परिवार का कोई सदस्य पहले से उस देश में रह रहा होता है, और वे उससे मिलने या उसके साथ रहने के लिए जाते हैं — जैसे पति/पत्नी, बच्चे या माता-पिता।

    मानवीय वीज़ा (Humanitarian Visa): यह वीज़ा उन लोगों को दिया जाता है जो किसी देश में शरण (Asylum) या किसी प्रकार की मानवीय सहायता या सुरक्षा की तलाश में आते हैं — जैसे युद्ध पीड़ित, राजनीतिक उत्पीड़न झेलने वाले या शरणार्थी।

     

    तो फिर पासपोर्ट क्या होता है?

    पासपोर्ट एक आधिकारिक दस्तावेज़ होता है जिसे किसी देश की सरकार अपने नागरिकों को जारी करती है। यह दस्तावेज़ व्यक्ति की पहचान और उसकी राष्ट्रीयता को प्रमाणित करता है। पासपोर्ट यह दर्शाता है कि धारक उस देश का नागरिक है और उसे विदेश यात्रा करने, वहां अपने देश की सुरक्षा प्राप्त करने और वापस लौटने का अधिकार है। यह आमतौर पर एक छोटी बुकलेट के रूप में होता है जिसे यात्रा के समय साथ रखना अनिवार्य होता है।

     

    पासपोर्ट में क्या-क्या होता है?

    पासपोर्ट में व्यक्ति की कई महत्वपूर्ण व्यक्तिगत जानकारियाँ दर्ज होती हैं — जैसे कि पूरा नाम, फोटो, जन्म तिथि और स्थान, हस्ताक्षर, और पासपोर्ट की समाप्ति तिथि। यह जानकारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यक्ति की पहचान को वैध बनाती है और उसे वीज़ा प्राप्त करने के लिए पात्र बनाती है। विदेश यात्रा करते समय, कई देशों में पासपोर्ट के बिना प्रवेश या निकास संभव नहीं होता।

     

    विदेश यात्रा में पासपोर्ट की भूमिका

    जब कोई व्यक्ति विदेश जाता है, तो पासपोर्ट यह साबित करता है कि वह किसी देश का वैध नागरिक है और उस देश की सरकार से उसे संरक्षण और सहायता का अधिकार प्राप्त है। यदि कोई व्यक्ति विदेश में किसी कानूनी या अन्य समस्या में फंसता है, तो पासपोर्ट के माध्यम से वह अपने देश की राजनयिक सहायता पाने का पात्र होता है। इस प्रकार पासपोर्ट केवल यात्रा का दस्तावेज़ नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय अधिकारों की पहचान भी होता है।

     

    डिप्लोमैटिक पासपोर्ट क्या होता है?

    कुछ विशेष परिस्थितियों में सरकारें अपने राजनयिकों (Diplomats), उच्च अधिकारियों या अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों को डिप्लोमैटिक पासपोर्ट जारी करती हैं। इस पासपोर्ट के धारक को विदेश में कुछ विशेष अधिकार दिए जाते हैं — जैसे गिरफ्तारी से छूट, कर में छूट, और अन्य कूटनीतिक विशेषाधिकार। यह पासपोर्ट सामान्य पासपोर्ट की तुलना में विशेष श्रेणी में आता है।