अर्जेंटीना

भूगोल और स्थान

अर्जेंटीना दक्षिणी दक्षिण अमेरिका में स्थित है और ब्राज़ील के बाद दक्षिण अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा देश है। यह देश क्षेत्रफल में लगभग अमेरिका का एक-तिहाई है और इसकी सीमाएँ चिली, बोलिविया, पराग्वे, ब्राज़ील और उरुग्वे से मिलती हैं, जबकि पूर्व में अटलांटिक महासागर है। अर्जेंटीना का क्षेत्रफल 27.8 लाख वर्ग किलोमीटर है। इसकी भौगोलिक विविधता में एंडीज पर्वत, उपजाऊ पम्पास घास के मैदान, और शुष्क पाटागोनिया क्षेत्र शामिल हैं। देश को चार प्रमुख क्षेत्रों में बाँटा गया है: एंडीज, उत्तर, पम्पास और पाटागोनिया।

  • Capital: Buenos Aires
  • Area: 2,780,400 square kilometers
  • Population: 9 million
  • Languages: Spanish, plus Guaraní, Quechua, Qom, Mocoví, Wichí, Welsh
  • Life expectancy: 06 years

इतिहास

  • अर्जेंटीना की शुरुआत 16वीं सदी में स्पेनिश उपनिवेश के रूप में हुई और 1816 में उसने स्वतंत्रता हासिल की। स्वतंत्रता के बाद देश में गृहयुद्ध और राजनीतिक अस्थिरता रही। 20वीं सदी में सेना ने कई बार सत्ता संभाली और ‘डर्टी वॉर’ के दौरान हजारों लोग मारे गए। 1983 में लोकतंत्र बहाल हुआ, लेकिन आर्थिक संकट और राजनीतिक उथल-पुथल जारी रहे। 1990 और 2000 के दशक में आर्थिक सुधार और राजनीतिक बदलाव हुए। 2019 में अल्बर्टो फर्नांडीज़ के राष्ट्रपति बनने के बाद देश नई चुनौतियों का सामना कर रहा है।

     

    लोग और संस्कृति

    अर्जेंटीना की अधिकांश आबादी यूरोपीय वंश की है, खासकर इतालवी, स्पेनिश और जर्मन, जबकि मूल निवासी कम हैं। आधे से अधिक लोग ब्यूनस आयर्स क्षेत्र में रहते हैं, जिसे उसके यूरोपीय प्रभाव के कारण “दक्षिण अमेरिका का पेरिस” कहा जाता है। देश की संस्कृति स्पेनिश औपनिवेशिक इतिहास और यूरोपीय प्रवास से प्रभावित है, जो भाषा, धर्म, वास्तुकला, संगीत और कला में दिखती है। फुटबॉल यहाँ सबसे लोकप्रिय खेल है, और गॉचोस पम्पास क्षेत्र का प्रतीक हैं। यहाँ साक्षरता दर लगभग 97% है।

     

    प्रकृति और जैव विविधता

    अर्जेंटीना समुद्री जीवों से लेकर उत्तरी हिस्से के बड़े जानवरों और पक्षियों तक जैव विविधता में समृद्ध है। यहां एंडीज़ की सबसे ऊंची चोटी से लेकर इगुआज़ू जलप्रपात जैसे प्राकृतिक चमत्कार मौजूद हैं। लेकिन वनों की कटाई, प्रदूषण और कृषि विस्तार से इसके पर्यावरण और प्रजातियों को खतरा है। विकास और प्रकृति के संतुलन के साथ स्थायी संरक्षण प्रयास ही अर्जेंटीना के पारिस्थितिकी तंत्र और आर्थिक समृद्धि को दीर्घकालिक रूप से सुरक्षित कर सकते हैं।

     

    खनिज संपदा के कारण अर्जेंटीना की अहमियत:

    अर्जेंटीना में लिथियम, तांबा और शेल गैस जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के बड़े भंडार हैं, जो भारत के लिए ऊर्जा साझेदारी में सहायक हैं। यह देश लिथियम ट्रायएंगल का हिस्सा है और भारत की कंपनी KABIL को लिथियम खोज का अधिकार मिला है। अर्जेंटीना शेल गैस और शेल ऑयल में भी विश्व में अग्रणी है। वाका मुर्टा क्षेत्र में बड़ी एलएनजी परियोजना चल रही है, जिसका लक्ष्य 2030 तक 30 मिलियन टन निर्यात है। भारत ने इस क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की इच्छा जताई है।

     

     

    भारत के लिए अर्जेंटीना कितना महत्वपूर्ण?

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अर्जेंटीना समेत पांच देशों की यात्रा भारत की रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रही। खासकर अर्जेंटीना में भारत ने लिथियम खनन, रक्षा सहयोग और ऊर्जा साझेदारी पर जोर दिया। भारत की कंपनी को लिथियम खनन का अधिकार मिला है और रक्षा क्षेत्र में हेलिकॉप्टर मेंटेनेंस व ब्रह्मोस मिसाइल की पेशकश की गई है। द्विपक्षीय व्यापार तेजी से बढ़ रहा है, और कृषि, ऊर्जा तथा टेक्नोलॉजी में साझेदारी के व्यापक अवसर हैं। यह यात्रा भारत की स्वच्छ ऊर्जा, रक्षा निर्यात और वैश्विक सहयोग को मजबूत करने का महत्वपूर्ण कदम है।

     

    भारत अर्जेंटीना संबंध

    भारत और अर्जेंटीना के बीच 75 साल से मजबूत और व्यापक राजनीतिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक संबंध हैं। दोनों देशों ने शिक्षा, ऊर्जा, रक्षा और खनन जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाया है। हाल के वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी और अन्य उच्च नेताओं के दौरों ने साझेदारी को और मजबूत किया है। विशेष रूप से लिथियम, नाभिकीय ऊर्जा और रक्षा तकनीक में सहयोग नई रणनीतिक उन्नति का संकेत देता है।

     

    भारत अर्जेंटीना व्यापारिक संबंध

    भारत और अर्जेंटीना के बीच आर्थिक संबंध मजबूत हैं, जिसमें कई भारतीय कंपनियां अर्जेंटीना में काम कर रही हैं और हजारों लोगों को रोजगार दे रही हैं। तेल अन्वेषण में ONGC ने ENARSA के साथ सहयोग किया है। भारत और अर्जेंटीना के बीच व्यापार 2016 तक लगभग 2.9 बिलियन डॉलर था, जिसमें भारत का निर्यात करीब 700 मिलियन डॉलर और अर्जेंटीना का निर्यात लगभग 2.2 बिलियन डॉलर था।

     

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अर्जेंटीना यात्रा

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 57 साल में पहली बार अर्जेंटीना की द्विपक्षीय यात्रा की। उनका ब्यूनस आयर्स में भव्य स्वागत हुआ और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उन्होंने राष्ट्रपति जेवियर माइली से रक्षा, ऊर्जा, कृषि और व्यापार में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। मोदी को शहर की चाबी से सम्मानित किया गया, जो भारत-अर्जेंटीना के मजबूत रिश्तों का प्रतीक है। इस दौरे से दोनों देशों के बीच व्यापार और रणनीतिक साझेदारी को नई मजबूती मिली। भारत अब अर्जेंटीना का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन चुका है।

     

    भारत-अर्जेंटीना रक्षा सहयोग

    भारत और अर्जेंटीना ने रक्षा सहयोग, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और टेलीमेडिसिन में बातचीत की है। अर्जेंटीना ने भारत के तेजस लड़ाकू विमान और डिजिटल गवर्नेंस मॉडल में रुचि दिखाई है। दोनों देशों की अंतरिक्ष एजेंसियां सस्ते उपग्रह प्रक्षेपण में सहयोग कर सकती हैं। आतंकवाद के खिलाफ दोनों की समान सोच है और अर्जेंटीना ने हालिया आतंकी हमलों की कड़ी निंदा की है।

     

    भविष्य की संभावनाएं और सहयोग के क्षेत्र:

    भारत और अर्जेंटीना के बीच भविष्य में ऊर्जा, रक्षा, खनिज (विशेषकर लिथियम), अंतरिक्ष, डिजिटल तकनीक, स्वास्थ्य सेवा और व्यापार जैसे क्षेत्रों में मजबूत साझेदारी की व्यापक संभावनाएं हैं। दोनों देश रणनीतिक सहयोग को और गहरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

     

    निष्कर्ष:

    • अर्जेंटीना और भारत के संबंध रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से दोनों के लिए लाभकारी और मजबूत हैं।
    • लिथियम, रक्षा, ऊर्जा, डिजिटल तकनीक जैसे क्षेत्रों में सहयोग भविष्य में साझेदारी को और गहरा करेगा।
    • द्विपक्षीय व्यापार और सांस्कृतिक संपर्क दोनों देशों के विकास और समृद्धि में सहायक हैं।
    • यह साझेदारी वैश्विक स्थिरता और आर्थिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *