भूगोल और स्थान
त्रिनिदाद और टोबैगो कैरेबियन क्षेत्र के दक्षिण-पूर्व छोर में स्थित है, जो दक्षिण अमेरिका के वेनेजुएला तट से केवल 11 किलोमीटर दूर है। यह देश दो मुख्य द्वीपों, त्रिनिदाद और टोबैगो, और कुछ छोटे द्वीपों से मिलकर बना है। त्रिनिदाद का क्षेत्रफल लगभग 4,768 वर्ग किलोमीटर है और यह देश का सबसे बड़ा द्वीप है। टोबैगो छोटा है, जिसका क्षेत्रफल लगभग 300 वर्ग किलोमीटर है, और इसके पूर्वी भाग में पहाड़ियाँ पाई जाती हैं। त्रिनिदाद में तीन प्रमुख पर्वत श्रृंखलाएँ हैं, जिनमें से नॉर्दर्न रेंज में देश की सबसे ऊँची चोटी एल सेरो डेल एरिपो स्थित है। द्वीपों पर मैदान, पहाड़, दलदल और जलाशयों का मिश्रण देखने को मिलता है। देश की राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन त्रिनिदाद में स्थित है, जबकि टोबैगो की मुख्य नगरी स्कारबरो है।
- Capital:Port of Spain
- Area:5,128 km²
- Population:7 lakhs (2023)
- Official Language:English
- Life expectancy:71 years (2022)

इतिहास
त्रिनिदाद और टोबैगो का इतिहास अनेक महत्वपूर्ण घटनाओं से जुड़ा है। 1498 में क्रिस्टोफर कोलंबस ने इन द्वीपों की खोज की और नामकरण किया। 1532 में स्पेन ने त्रिनिदाद पर अधिकार किया, जबकि 1630 के दशक में डचों ने टोबैगो पर कब्जा कर गन्ने की खेती शुरू की। 18वीं शताब्दी में फ्रांस और ब्रिटेन ने बारी-बारी से इन द्वीपों पर नियंत्रण किया। 1834 में दासप्रथा की समाप्ति के बाद भारत से अनुबंधित श्रमिकों को लाया गया। 1889 में दोनों द्वीपों को एक ब्रिटिश कॉलोनी के रूप में एकीकृत किया गया। 1962 में देश को स्वतंत्रता मिली और 1976 में यह गणराज्य बना। 1990 में एक असफल तख्तापलट हुआ, और 2011 में अपराध बढ़ने पर आपातकाल घोषित किया गया। 2015 में नेता जैक वॉर्नर पर अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल भ्रष्टाचार मामले में आरोप लगे।
जलवायु
त्रिनिदाद और टोबैगो में उष्णकटिबंधीय जलवायु होती है, जिसमें शुष्क (जनवरी से मई) और वर्षा ऋतु (जून से दिसंबर) होती है। दिन का तापमान 30-34°C और रात का 23-27°C के बीच रहता है, और वर्षा ऋतु में अधिक आर्द्रता व वर्षा होती है। जून से नवंबर तक चक्रवात का मौसम होता है, जिसमें टोबैगो त्रिनिदाद से अधिक प्रभावित होता है।
लोग और संस्कृति
त्रिनिदाद और टोबैगो की संस्कृति विविधताओं से भरपूर है, जिसमें अफ्रीकी, भारतीय, यूरोपीय, चीनी और अन्य संस्कृतियों का प्रभाव दिखाई देता है। यहां का संगीत (कैलीप्सो, स्टील बैंड), नृत्य (लिंबो), और वार्षिक कार्निवाल उत्सव सांस्कृतिक पहचान के प्रमुख प्रतीक हैं। साहित्य, खेल (क्रिकेट और फुटबॉल), और बहुभाषी समाज मिलकर इस द्वीपीय देश की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाते हैं।
खनिज संपदा के कारण इस देश की अहमियत:
त्रिनिदाद और टोबैगो एक छोटा लेकिन उच्च आय वाला देश है, जिसकी अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से तेल, गैस और खनिज संसाधनों पर आधारित है। यहाँ एंडेसाइट, क्ले, क्रोमियम, तांबा, चूना पत्थर, रेत, ग्रेवल, और डामर जैसे खनिज पाए जाते हैं, जिनका उपयोग निर्माण और सड़क निर्माण में होता है। तेल और गैस उद्योग GDP का लगभग 37% और निर्यात का 70% से अधिक योगदान देते हैं, जिससे यह देश कैरेबियन में एक प्रमुख वित्तीय केंद्र बन गया है।
भारत और त्रिनिदाद एवं टोबैगो के बीच संबंध
भारत और त्रिनिदाद एवं टोबैगो के बीच संबंध 1845 से हैं, जब पहले 225 भारतीय श्रमिक ‘फातेल रज़ाक’ जहाज़ से त्रिनिदाद पहुँचे। आज उनकी संतति देश की जनसंख्या का 40-45% हिस्सा है। दोनों देशों के बीच 1962 में औपचारिक राजनयिक संबंध स्थापित हुए और तब से उच्चस्तरीय दौरों, सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से संबंध मज़बूत हुए हैं। भारत ने महामारी के दौरान वैक्सीन और चिकित्सा सहायता प्रदान की, और विकास साझेदारी के तहत कृषि, स्वास्थ्य और डिजिटल क्षेत्रों में सहायता दी है। ITEC कार्यक्रम और संसदीय आदान-प्रदान भी द्विपक्षीय सहयोग का अहम हिस्सा हैं।
भारत और त्रिनिदाद एवं टोबैगो व्यापारिक संबंध
भारत और त्रिनिदाद एवं टोबैगो के बीच जनवरी 1997 में व्यापार समझौता हुआ, जिसमें दोनों देशों ने एक-दूसरे को सर्वाधिक अनुकूल राष्ट्र (MFN) का दर्जा दिया। द्विपक्षीय व्यापार में आईटी, फार्मा, कृषि, अक्षय ऊर्जा, पर्यटन और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में वृद्धि की बड़ी संभावनाएं हैं। 2024-25 में कुल व्यापार 341.61 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जिसमें भारत से निर्यात 120.65 मिलियन डॉलर और आयात 220.96 मिलियन डॉलर का हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी की त्रिनिदाद एवं टोबैगो यात्रा
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो का ऐतिहासिक दौरा किया, जो पिछले 25 वर्षों में भारत के किसी भी प्रधानमंत्री का पहला ऐसा विज़िट था। इस दौरान उन्हें त्रिनिदाद और टोबैगो का सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्राप्त हुआ, जो भारत के लिए गर्व का क्षण है। मोदी ने वहां द्विपक्षीय बैठकें कीं और दोनों देशों के बीच व्यापार, सुरक्षा, ऊर्जा, और सांस्कृतिक सहयोग को और गहरा करने पर जोर दिया। इस यात्रा से भारत और कारिबियाई क्षेत्र के देशों के बीच रिश्ते मजबूत होने की उम्मीद है, साथ ही यह भारत की वैश्विक कूटनीति में भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। मोदी का स्वागत भव्य गार्ड ऑफ ऑनर के साथ किया गया और उन्होंने त्रिनिदाद और टोबैगो की राजनीतिक और आर्थिक प्रगति में भारत की भूमिका को बढ़ाने का संकल्प लिया।
निष्कर्ष:
त्रिनिदाद और टोबैगो, अपनी भौगोलिक स्थिति, सांस्कृतिक विविधता, और प्राकृतिक संसाधनों के कारण कैरेबियन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण राष्ट्र है। इसकी उष्णकटिबंधीय जलवायु, बहुजातीय समाज और आर्थिक विकास की गति इसे क्षेत्रीय नेतृत्व की दिशा में अग्रसर करती है। भारत और त्रिनिदाद एवं टोबैगो के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध, जो 180 वर्षों से अधिक पुराने हैं, आज एक नई ऊंचाई पर पहुँच चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी की ऐतिहासिक यात्रा और दोनों देशों के बीच गहरे होते व्यापारिक, राजनीतिक और सामाजिक संबंध इस बात का प्रमाण हैं कि यह साझेदारी भविष्य में और अधिक सशक्त व व्यापक रूप लेगी। यह संबंध न केवल द्विपक्षीय स्तर पर, बल्कि वैश्विक दक्षिण के सहयोग और प्रवासी कूटनीति के क्षेत्र में भी एक मिसाल बन सकता है।